महाराजगंज में चार दशक बाद अपनी सीट पर काबिज हुई कांग्रेस

भगवानपुर हाट (सिवान) । चार दशक पूर्व कांग्रेस पार्टी के जनाधार वाली सीट पर लगातार समाजवादियों ने अपना आधिपत्य जमा रखा था। जिस पर इस बार राजनीति के पुराने खिलाड़ी विजय शंकर दुबे ने मोदी-नीतीश की लहर को भेद कर परचम लहराते हुए विरोधियों के सभी समीकरण को ध्वस्त कर दिया। 1972 में महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक अनुसुइया देवी चुनाव जीती थीं। इसके बाद से वर्ष 2015 तक लगातार समाजवादियों का इस सीट पर आधिपत्य रहा।

ज्ञात हो कि इस बार के चुनाव में इस क्षेत्र से कुल 27 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, जिसमें एनडीए का उम्मीदवार हेमनारायण साह थे, जबकि विजय शंकर दुबे महागठबंधन के उम्मीदवार थे। भाजपा से टिकट नहीं मिलने से एन मौके पर डॉ. देव रंजन सिंह लोजपा के उम्मीदवार बन बैठे। विजय शंकर दुबे को वोट मिलने का यह भी कारण माना जाता है कि उनकी पहचान सीधे सोनिया गांधी से है। वह कमजोर एवं गरीबों के हितैषी माने जाते हैं।

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स्वास्थ्य मंत्री के मतदान केंद्र से एनडीए 109 मतों से रहा आगे
संस, महाराजगंज (सिवान) : विधानसभा चुनाव में हुए मतदान में इस बार महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गांव स्थित मतदान केंद्र राहुल उच्च विद्यालय बलिया कर्णपुरा मतदान केंद्र 34 पर एनडीए 109 मतों से आगे रहा, जबकि तत्कालीन विधायक हेमनारायण साह के गांव राजकीय मध्य विद्यालय कसदेवरा मतदान केंद्र संख्या 64 एक मतदान केंद्र पर एनडीए 33 मतों से आगे रहा। स्वास्थ्य मंत्री के मतदान केंद्र 34 पर एनडीए को 211, महागठबंधन को 102 तथा लोजपा को 34 वोट मिले थे। वहीं निवर्तमान विधायक हेमनारायण साह के मतदान केंद्र 64 ए पर एनडीए को 111, महागठबंधन को 80 तथा लोजपा को 40 वोट मिले थे।
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