भारत में कोरोना के टीकाकरण प्रोग्राम के बारे में कुछ सच्चाइयां जान लीजिए

by Aman Pathan November 16, 2020, 9:55 PM 160 Views

गिरीश मालवीय पहली तो यह कि मोदी सरकार ने राज्य सरकारों को अपने स्‍तर पर वैक्‍सीन की डील करने से मना कर दिया है। यानी जो भी वैक्सीन खरीदी जाएगी ! जिस भी कम्पनी से खरीदी जाएगी !... वो सिर्फ केंद्र सरकार खरीदेगी ..मोदी सरकार ने राज्‍य सरकारों से साफ साफ कह दिया है कि वे अपने स्‍तर पर वैक्‍सीन डिस्‍ट्रीब्‍यूशन का अलग से कोई प्‍लान भी न बनाएं। राज्‍यों को केंद्र सरकार एक ब्‍लूप्रिंट मुहैया करा रहा है और उसी के आधार पर डेटाबेस तैयार कर राज्यों को देना होगा ओर उसी आधार पर डिस्ट्रीब्यूशन होगा, केंद्र के हाथ वैक्‍सीन आने के बाद वह राज्‍यों में बनने वाले कोविड वैक्‍सीन पैनल के सुपुर्द कर दी जाएगी।... दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि व्यक्ति को वैक्सीन लग जाने और कोई साइड इफेक्ट नजर नहीं आने के बाद एक क्यूआर जनरेटेड सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. वैक्सीन के लाभार्थी को डिजिलॉकर में अपना कोविड19 इम्युनाइजेशन सर्टिफिकेट स्टोर करने को कहा जाएगा जो उसे वक्त जरूरत पर दिखाना भी होगा दरअसल वैक्‍सीन डिस्‍ट्रीब्‍यूशन का ब्लू प्रिंट बनाने वाला एक्सपर्ट ग्रुप क्यूआर कोड सर्टिफिकेट, वैक्सीन लाभार्थियों को एसएमएस भेजना, आदि समेत कई डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल करने जा रहा है,..मोदी सरकार वैक्सीन हासिल करने से लेकर उसे लोगों तक पहुंचाने तक की पूरी कवायद को रियल टाइम में ट्रैक करने जा रही है इसके लिए UNDP के प्रोग्राम 'इलेक्‍ट्रॉनिक वैक्‍सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क' (eVIN) का इस्‍तेमाल किया जाएगा क्या कोई बताएगा कि कोविड19 इम्युनाइजेशन प्रोग्राम का इतना अधिक केन्द्रीयकरण करना या QR कोड जैसे टूल का यूज करना क्यो जरूरी है?
Read Later Add to Favourites Add to Collection

अन्य समाचार