स्मार्ट मीटर लगे तो आ गए बिजली चोरी करने के स्मार्ट तरीके, आप भी जानें!

लखनऊ. बिजली चोरी की खबरें आए दिन आती रहती हैं। बिजली चोरी आज के समय में बहुत आम हो चुकी है। बिजली के लंबे चौड़े बिल से बचने के लिए यह सिर्फ गरीब तबके लोग ही नहीं बल्कि पढ़े-लिखे लोग भी बिजली चोरी कर रहे हैं। बिजली विभाग जितने तरीके ढूंढ़ता है बिजली चोरी पकडऩे के लोग उतने ही नए तरीके ढूंढ लेते हैं चोरी करने के।

बिजली चोरी दो तरह से की जा रही है। डायरेक्टर या फिर मीटर के जरिए। डायरेक्ट चोरी में सर्विस पीलर में सीधे केबल डालकर चोरी हो रही है। लेकिन बिजली कंपनियों की सख्ती के बाद इसमें काफी कमी आई है। अब ज्यादातर चोरी मीटर में छेड़छाड़ कर की जा रही है। बिजली चोरों ने इसके भी दो तरीके ईजाद किए हैं। एक मीटर को फिजिकल टैंपर करके और दूसरा इलेक्ट्रॉनिकली टैंपर करके।
फिजिकल टैंपर करने के लिए मीटर की सील को खोलकर करंट सकिटज़् से पैरलर सर्किट लगा देते हैं जिससे करंट मीटर को बाईपास कर देता है। फि जिकल टैंपरिंग जल्दी पकड़ में आ जाती थी इसलिए अब इलेक्ट्रॉनिक टैंपरिंग ज्यादा हो रही है।
आजकल बिजली चोरी करने के बाद लोग पकड़ में आ जाते हैं पर बिजली चोरों ने पकड़ में आने से बचने के लिए अब बिजली चोरी का लेटेस्ट तरीका ढूंढ़ निकाला है जैमर। सूत्रों ने बताया कि यह जैमर अलग-अलग तरीके का होता है जो करंट सर्किट को जाम कर देता है।
फ्लाई कैचर की तरह की डिवाइस
यह एक तरह की डिवाइस से जो फ्लाई कैचर की तरह दिखती है। इसे मीटर से टच कराकर एक बटन दबाने पर मीटर रुक जाता है। बाद में मीटर तभी चालू होगा जब पूरा सिस्टम ऑन ऑफ होगा यानी एक बार लाइट जाने के बाद जब आएगी तभी मीटर सही तरीके से काम करेगा। अलग अलग मीटर के लिए अलग अलग डिवाइस होती हैं। कौन सा मीटर लगा उसकी जानकारी के बाद उससे जुड़ा डिवाइस दिया जाता है। ओपन माकेटज़् में यह डिवाइस मिलना मुश्किल है लेकिन अगर आपकी पहचान ऐसे इलेक्ट्रिशयन से है तो आराम से इस तरह की डिवाइस मिल सकती है। कीमत 2000-2500 रुपये के बीच है।
रिमोट का कमाल
इलेक्ट्रॉनिक मीटर में एक सर्किट लगाकर, जिसे रिमोट से ऑन ऑफ कर सकते हैं, बिजली का बिल काफी कम किया जा सकता है यानी मीटर टैंपर किया जा सकता है। यह रेडियो फ्रिक्वेंसी सर्किट को मीटर के अंदर लगाने के लिए पहले सील को गरम कर हटाया जाता है। फिर सर्किट को मीटर में फिट करके सील को फिर से लगा दिया जाता है। हर सर्किट की अपनी फ्रीक्वेंसी होती है और उसी फ्रीक्वेंसी को मैच करता हुआ रिमोट ठीक उसी तरह काम करता है जैसे टीवी का रिमोट। इस सकिज़्ट को न्यूट्रल और फेज वायर के बीच में इंस्टॉल करते हैं। जब यह सर्किट स्विच ऑन होता है इनकमिंग करंट फ्लो मीटर में रिकॉर्ड हुए बिना आगे बढ़ जाता है। इस सर्किट को लोकल इलेक्ट्रिशियंस न ही ईजाद किया है। 1500 से 4000 रुपये में कुछ इलेक्ट्रिशियन यह खुद से आकर इंस्टॉल कर देते हैं। हालांकि इंडस्ट्रियल कनेक्शन को टैंपर करने की कुछ ज्यादा कीमत ली जाती है।
इस तरह भी होती है बिजली चोरी
- बाजार में 2 से 5 रुपये में मिलने वाले प्रतिरोधक का मीटर में उपयोग करके बिजली चोरी करने वाले लाखों की चपत लगा रहे हैं। एटा में मीटरों की जांच से यह खुलासा हुआ है।
- बिजली चोरी करने वाले मीटरों में इंजेक्शन के जरिए पानी ग्लिसरीन डालकर पुश बटन जाम कर देते हैं।
- कटिया लगाकर बिजली चोरी करना आम बात हो गयी है। कटिया द्वारा ही सबसे ज्यादा बिजली चोरी की जाती है। नई कॉलोनियों, अवैध बस्तियों और घनी आबादी व सक्रिय गलियों वाले इलाके में कटिया से चोरी करना एक आम बात है।
- बिजली चोरी का एक और आसान तरीका है मीटर धीमा करना। लोग चिप लगाकर या और उपाय करके मीटर धीमा कर देते हैं।
- मीटर और केबल के बीच से कट लगाकर बिजली चोरी की जा रही है। नए कनेक्शन धारकों के कई-कई महीने बाद भी मीटर नहीं लगाए जा रहे, जिससे चोरी बढ़ रही है।
तीन साल की हो सकती है सजा
बिजली चोरी करने पर संबंधित उपभोक्ता को तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। चोरी का मामला उजागर होने पर उपभोक्ता को पहले समझौता राशि का भुगतान करने को कहा जाता है। इसमें उपभोक्ता को चोरी की गई कुल बिजली खपत की दो गुनी दर से बिल दिया जाता है। बिल न देने पर एफआइआर दर्ज कराई जाती है। वैसे विद्युत विभाग इसके लिए स्वतंत्र है कि चोरी पकडऩे पर सीधी रिपोर्ट भी दर्ज करा सकता है।

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