शिविर लगाकर हुई गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच

गोपालगंज : सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर का आयोजन किया गया। इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच की गई। साथ ही उच्च जोखिम गर्भधारण करने वाली महिलाओं की पहचान कर उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया। सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर परामर्श देना है। गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व जांच प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी लाता है। सम्पूर्ण प्रसव पूर्व जांच के अभाव में उच्च जोखिम गर्भधारण की पहचान नहीं हो पाती। इससे प्रसव के दौरान जटिलता की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने बताया इस अभियान की सहायता से प्रसव के पहले ही संभावित जटिलता का पता चल जाता है। जिससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलता में काफी कमी भी आती है और इससे होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है। उन्होंने बताया कि उच्च रक्तचाप, वजन, शारीरिक जाँच, मधुमेह, एचआईवी एवं यूरिन के साथ जटिलता के आधार पर अन्य जांच शिविर के दौरान किया गया। कुपोषण से पीड़ित महिलाओं पर विशेष जोर


डीपीएम धीरज कुमार ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच में एनीमिक महिला को आयरन फोलिक एसिड की दवा देकर इसका नियमित सेवन करने की सलाह दी गई। एनीमिक महिलाओं को हरी साग- सब्जी, दूध, सोयाबीन, फल, भूना हुआ चना एवं गुड खाने की सलाह दी गई। साथ ही उन्हें गर्भावस्था के आखिरी दिनों में कम से कम चार बार खाना खाने की भी सलाह दी गयी। बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी होने से बचाता है।
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