जिले में आज मनाई जाएगी अक्षय नवमी

छपरा : कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर सोमवार को अक्षय नवमी मनाई जाएगी। इसे आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह को भगवान विष्णु के प्रिय मास के रूप में जाना जाता है। इस माह गंगा स्नान करने के साथ आंवला के पेड़ की पूजा-अर्चना और आंवला का सेवन करने का विधान है। कार्तिक शुक्ल नवमी यानी अक्षय नवमी के दिन भगवान विष्णु के साथ आंवला के पेड़ की पूजा करने का विधान है। इस दिन पेड़ के नीचे भोजन बनाने, ब्राह्माण को खिलाने और दान-पुण्य करने का विधान है।

शास्त्रों के हवाले से ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अक्षय नवमी के दिन स्नान, पूजा, तर्पण, दान-पुण्य करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। अक्षय नवमी को धात्री नवमी और कुष्मांडा नवमी के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन परिवार के बड़े-बुजुर्ग के साथ सभी लोग विधि-विधान के साथ आंवला वृक्ष की पूजा करने के साथ परिक्रमा करने का विधान है। ऐसा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया, इस दिन महिलाएं आंवला पेड़ के अक्षत, पुष्प, चंदन आदि से पूजा कर पीला धागा लपेटकर परिक्रमा करती हैं। पं. विनोद झा वैदिक ने बताया, अक्षय नवमी के दिन अपने घर आंवला का पौधे लगाना पुण्य का कार्य माना जाता है। घर के बाग-बगीचे में आंवला के पौधे लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। घर के उत्तर दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। पुरोहित ने बताया कि अक्षय नवमी पर ग्रह-गोचरों का भी शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन रवि योग के साथ हर्ष योग भी बनेगा। इस योग में पूजा करना मंगलकारी होगा। आंवला वृक्ष के नीचे दिखेगा उत्सवी माहौल :
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जासं, पटना सिटी : सोमवार को अक्षय नवमी के मौके पर श्रद्धालु गंगा स्नान कर आंवला वृक्ष के नीचे पूजा-अर्चना करेंगे और दान-पुण्य कर लाभ कमाएंगे। सभी गंगा घाटों पर लोगों की भीड़ स्नान के लिए जुटेगी। स्नान के बाद गंगा तट या गली मोहल्ले में स्थित आंवला वृक्ष के नीचे कच्चे धागे से फेरी देकर दान-पुण्य करेंगे। अक्षय नवमी पर भक्तों की ओर से आंवला वृक्ष के नीचे खिचड़ी बनवा कर श्रद्धालुओं में प्रसाद के तौर पर वितरित की जाएगी। गंगा घाटों व आंवला वृक्ष के नीचे उत्सवी माहौल दिखेगा।
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