दो दशक में भी नहीं बना रेल ओवर ब्रिज

संवाद सूत्र, सहरसा: शहर के बंगाली बाजार में पिछले दो दशक से ज्यादा दिन बीतने के बाद भी रेल ओवरब्रिज नहीं बन सका है। हर लोकसभा या विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा छाया रहता है। कोसी प्रमंडल मुख्यालय सहरसा शहर में रेल लाइन शहर को दो भागों में विभक्त करती है। रेल लाइन की वजह से शहर के बंगाली बाजार सहित गंगजला रेलवे ढाला पर बराबर बैरियर गिरे रहने से हर हमेशा सड़क जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

इसके निर्माण के लिए पहले तो रेलवे और एनएचआई के बीच यह मामला फंसा रहा। इसी बीच बंगाली बाजार में रेल ओवर ब्रिज बनाने को लेकर चार-चार बार इसका शिलान्यास कर दिया गया। इतना ही नहीं वर्ष 2015 में रेल ओवर ब्रिज बनाने के लिए बंगाली बाजार रेलवे ढाला पर मिट्टी जांच का कार्य शुरू किया गया। रेल बजट में यह कई वर्ष पहले ही पारित हो चुका है। इसके लिए दस लाख रुपये आवंटित किया गया और मिट्टी जांच का काम शुरू किया गया। बंगाली बाजार में भारी- भारी मशीनें लगायी गयी और कई दिनों तक मिट्टी जांच का काम चलता रहा। इसके बाद एकाएक सभी मशीनें हटा ली गयी। इससे पहले वर्ष 2014 में राइटस कंपनी एजेंसी को ओआरबी का डिजाइन व नक्शा बनाने के बाद एप्रूवल के लिए एनएचआई को भेजा गया। बाद में यह मामला रेलवे और एनएचआई के बीच फंसा रहा। राज्य सरकार की पहल पर इसे पुल निर्माण विभाग केा बनाने का जिम्मा सौंपा गया। इसके बाद पुल निर्माण विभाग ने पिछले तीन वर्षों से इसमें पहल कर रही है। पुल निर्माण विभाग ने जीएडी जेनरल एरेंजमेंट ड्राइंग बनाकर रेलवे को भेज दिया है। रेलवे ने पुल निर्माण विभाग द्वारा भेजे गए ड्राइंग को एप्रूव कर दिया है। अब विभाग डीपीआर बनाने में जुट गयी है। डीपीआर बनाने के बाद उसे रेलवे को भेजने के बाद ही इसका टेंडर निकाला जाएगा। करीब 100 करोड़ की लागत से रेल ओवर ब्रिज बनेगा।
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920 मीटर लंबा बनेगा आरओबी
शहर के पूरब बाजार से होते हुए बंगाली बाजार, शंकर चौक, धर्मशाला रोड, महावीर चौक होते हुए बनगांव रोड तक आरओबी बनेगा। रेलवे ढाला के पास आरओबी 12 मीटर चौड़ा होगा। वैसे अन्य जगहों पर आरओबी 8.4 मीटर चौड़ा रहेगा।
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चार-चार बार हो चुका है शिलान्यास
शहर के बंगाली बाजार रेलवे ढाला पर रेल ओवर ब्रिज का निर्माण के लिए चार-चार बार शिलान्यास हो चुका है। वर्ष 1997 में रेल राज्य मंत्री दिग्विजय सिंह ने पहली बार आरओबी का शिलान्यास किया था। वर्ष 1998 में तत्कालीन रेल मंत्री रामविलास पासवान ने किया। इसके बाद वर्ष 2005 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने शिलान्यास किया। इसके बाद वर्ष 2014 में रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी ने इसका शिलान्यास किया। चार- चार बार शिलान्यास के बाद भी अब तक बंगाली बाजार में रेल ओवर ब्रिज नहीं बन सका है।
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