े तीखे मोड़ बन रहे दुर्घटनाओं के कारण

मधेपुरा। सड़क में डिजाइन की खामी दुर्घटना का बड़ा कारण है। जिले में कई जगह ऐसे ब्लैक स्पॉट बने हैं, जहां अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती है। जिले में कई जगह तेज घुमावदार सड़क है। बावजूद ऐसे जगहों विशेष के लिए अब तक कुछ नहीं किया गया है। घनी आबादी के पास के सड़कें की आबादी भी अक्सर दुर्घटना की चपेट में आ जाती है। एनएच व एसएच दोनों पर इस तरह की कई ब्लैक स्पॉट है। यद्यपि ताज्जुब की बात यह है कि जब केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने एनएच विभाग से ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उसकी रिपोर्ट मांगी। तो एनएच विभाग द्वारा बताया गया कि जिले में एक भी ब्लैक स्पॉट नहीं है। विभाग के अधिकारी इसका कारण बताते हैं कि थाना से मांगी गई रिपोर्ट के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार कर विभाग को भेजी गई है। बुढ़ाबे के पास है तीखे मोड़ एनएच 106 के सिंहेश्वर-मधेपुरा मार्ग में बुढ़ाबे के पास की तीखे मोड़ को जिले का सबसे बड़ा ब्लैक स्पॉट माना जा सकता है। बुढ़ाबे पुल के पास की तीखी मोड़ कर पास अब तक कई दुर्घटनाएं हो चुकी है। हाल के दिनों में इधर दुर्घटना पर थोड़ी अंकुश जरूर लगी है। यहां अब तक दर्जनों दुर्घटनाएं हो चुकी है। इसमें कई लोगों की जान जा चुकी है। एक ही दिन कई कई दुर्घटना भी हो चुकी है। दरअसल इससे मोड़ से पहले सिंहेश्वर की तरफ से पिपरा जाने वाली सड़क चकाचक है। अचानक से तीखी मोड़ आ जाने के कारण वाहन चालक अपना नियंत्रण खो देते हैं। इसका नतीजा दुर्घटना के रूप में सामने आती है। कुछ ऐसे ही ब्लैक स्पॉट सिंहेश्वर सुपौल स्टेट हाइवे में भी कई जगह है।


आबादी वाले क्षेत्र में होती रही है दुर्घटना घनी आबादी वाले क्षेत्र के बगल से गुजरने वाले एनएच अथवा अन्य सड़क पर अक्सर दुर्घटनाएं होती है। सड़क किनारे बैठे अथवा शौचालय जाने के दौरान सड़क किनारे के कई लोग दुर्घटना की चपेट में आ चुके हैं। व्यस्त सड़क के ठीक बगल की बस्ती वाले अधिकांश लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं। इस तरह की दुर्घटना कई बार जिले के अलग अलग जगहों पर घटित हो चुकी है। इस तरह की घटनाओं को देखने के बाद अब सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय एवं राज्य सरकार की सड़क निर्माण इकाई घनी आबादी से हटकर सड़क बनाने का निर्णय ली है। डिवाइडर व रिफ्लेक्टर की है कमी सड़क पर खासकर बाजार की सड़कों पर डिवाइडर कही भी न के बराबर है। तीखे मोड़, ब्रेकर आदि की जानकारी के लिए लगाए जाने वाले रिफ्लेक्टर बोर्ड भी यदा कदा ही कही कही देखने को मिल जाता है। जबकि कोहरे के मौसम में यह दोनों चीजें सड़क यातायात को अधिक सुरक्षित बनाती है।
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