फॉलोअप : प्रसूता की मौत मामले में तीन सदस्यीय टीम ने शुरू की जांच

संवाद सहयोगी, किशनगंज : सदर अस्पताल में बच्चे को जन्म दिये जाने के बाद प्रसुता की मौत से भड़की हिसा के बाद शुक्रवार को स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो गई। अन्य दिनों की भांति ही शुक्रवार को भी प्रसव कक्ष में मरीजों की भीड़ लगी रही। हालांकि तोड़फोड़ के कारण कर्मियों के बीच दहशत का माहौल बना रहा। इधर मृतका के परिजनों की लिखित शिकायत के बाद सिविल सर्जन डॉ. श्रीनंदन ने त्वरित कार्रवाई करते हुये घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात जीएनएम जूली कुमारी और श्रेया सुमन सहित चतुर्थवर्गीय कर्मी लतिका कुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वहीं कर्मियों पर लगे आरोप की जांच के लिए सिविल सर्जन ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया। जांच टीम में शामिल डीआईओ डॉ. रफत हुसैन, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन और महिला चिकित्सक पूनम सिंह ने मामले की जांच प्रारंभ कर दी है। सिविल सर्जन ने बताया कि जांच रिपोर्ट में दोषी पाये जाने के बाद आरोपित कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।


बताते चलें कि गत गुरुवार को टेउसा निवासी प्रसुता की मौत के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल में जमकर हंगामा किया था और डयूटी पर तैनात कर्मियों द्वारा इलाज में लापरवाही बरते जाने का आरोप लगाते हुए प्रसव कक्ष सहित प्रसवोत्तर कक्ष में व्यापक पैमाने पर तोड़फोड़ की। जिससे प्रसव कक्ष बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। लोगों के आक्रोशित रूप को देखकर अस्पताल कर्मियों ने भाग कर अपनी जान बचाई। घटना की जानकारी मिलते ही टाउन थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया। लेकिन आक्रोशित लोग दोशी कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर अड़ गए। अंतत: सदर अस्पताल पहुंचे सिविल सर्जन डॉ. श्रीनंदन, डीएस डॉ. अनवर हुसैन, डॉ. रफत हुसैन आदि के द्वारा दोषी कर्मियों को निलंबित करने और जांचोपरांत विभागीय कार्रवाई करने का आश्वासन दिये जाने के बाद लोगों का गुस्सा शांत हो गया।
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