जमुई नगर परिषद में नियमों को ताक पर रख हो रहा कार्य, वरीय पदाधिकारियों की भी नहीं है नजर

जमुई, जेएनएन। नगर परिषद जमुई के सामान्य बोर्ड की बैठक पिछले आठ माह से नहीं हुई है बावजूद इसके लगभग सभी तरह के कार्य किए जा रहे हैं। लगातार आठ माह से बैठक न होना नगर परिषद जमुई के इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है, जबकि नियम के मुताबिक नगर सरकार का कोई भी कार्य बोर्ड के बैठक में लिए गए निर्णय और उनके अनुमोदन के बाद ही होता है। जमुई नगर परिषद के इतिहास में पहली बार इस तरह की घटना हो रही है। नगर परिषद मनमानी पूर्वक सरकार के सारे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अनगिनत कार्य में लाखों रुपए खर्च कर रही है। पर इस दिशा में शासन प्रशासन का कोई ध्‍यान नहीं है। लोगों की मानें तो पार्क सुंदरीकरण के साथ-साथ कई विभागीय कार्य भी बगैर बोर्ड की स्वीकृति का कर दिया गया है। यहां तक कि नगर परिषद क्षेत्र के सभी वार्डों में सफाई कार्य करने वाले एनजीओ को तीन माह के लिए ही कार्य आवंटित किया गया था लेकिन उसका भी मनमुताबिक कार्य अवधि विस्तार कर दिया गया है। हालांकि इस मनमानी पूर्ण रवैये से किए जा रहे के बारे में जब सामान्य बोर्ड के बैठक के संबंध में नप कार्यपालक पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने सारा ठिकरा अध्यक्ष पर फोड़ दिया। उन्‍होंने कहा कि इस संबंध में जानकारी अध्‍यक्ष से ही प्राप्‍त करें तो बेहतर होगा।

क्या है नगर सरकार का नियम
नगर सरकार का यह नियम है कि नगर परिषद के बोर्ड की बैठक में जो भी कार्य येजना पर सहमति और स्वीकृति मिलती है, उस पर कार्य किया जाता है। बिना सहमति के कोई कार्य को अंजाम नहीं दिया जा सकता है। यहां तक कि सशक्त कमेटी भी बगैर बोर्ड के अनुमोदन किए हुए कार्य को नहीं करा सकती है। बोर्ड के अनुमोदन के बिना किया जाने वाला कोई भी कार्य गैर कानूनी होगा।

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