बदलते मौसम में रोगों से बचाव के लिए रहें सावधान

अरवल। प्रखंड क्षेत्र में मौसम का मिजाज बदल चुका है। मौसम बदलने के साथ ठंड में होने वाली बीमारी का खतरा भी रहता है। अस्पतलों के ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। पिछले दो-तीन दिनों में तेज हवा बहने से पारा तेजी से गिरा है और दिन और रात के तापमान में काफी अंतर दिखने लगा है। बदलते मौसम को देखते हुए लोगों ने भी ठंड से बचने के लिए अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर दी हैं। लोग जैकेट, स्वेटर, टोपी, मफलर समेत कई गर्म कपड़े पहनकर निकलने लगे हैं। प्रखंड क्षेत्र में बढ़ते ठंड के प्रभाव को देखते हुए लोगों को काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। खासकर नवजात शिशु, छोटे-छोटे बच्चों एवं बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखना आवश्यक है। इस मौसम में नवजात शिशु एवं छोटे- छोटे बच्चों में सर्दी- खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ एवं निमोनिया होने की संभावना सबसे अधिक रहती है। साथ ही सामान्य लोगों खासकर बुजुर्गों को भी सर्दियों के मौसम में ब्लड प्रेशर, सांस लेने में तकलीफ, फेफड़े का संक्रमण होने की संभावना रहती है। शिशुओं का रखें खास ख्याल:


प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कलेर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नंद बिहारी शर्मा बताया कि सर्दी शुरू होने के साथ ही बच्चे और बुजुर्गों का युवाओं के सापेक्ष रोग-प्रतिरोध क्षमता काफी कम होती है। इसके कारण ठंड के मौसम में सतर्कता नहीं बरतने पर बच्चे और बुजुर्गों में सांस संबंधी बीमारियों एवं फेफड़े में संक्रमण होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।नवजात शिशु एवं छोटे-छोटे बच्चों में इस दौरान निमोनिया जैसी बीमारियों की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है। इस दौरान बच्चों को ऐसी बीमारियों से बचाने के लिए उनका विशेष ख्याल रखना आवश्यक है।इसके लिए बच्चे की मां को बच्चे के रखरखाव, उसके खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नवजात शिशु की मां को अपने बच्चे को निमोनिया जैसी जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए उसको हमेशा गर्म रखने की कोशिश करनी चाहिए।
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