नहीं खुले धान क्रय केंद्र, किसान परेशान

संवाद सूत्र मरौना,(सुपौल): प्रखंड क्षेत्र में धान क्रय केंद्र नहीं खुलने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी नहीं होने से किसानों को औने-पौने दाम में धान बेचना मजबूरी बन गई है। इससे बिचौलियों की चांदी कट रही है और किसान शोषण के शिकार हो रहे हैं जबकि 23 नवंबर से ही क्रय केंद्र खोले जाने का सरकारी निर्देश है।

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तौल में लगता बट्टा, कीमत लगती कम
किसानों को जब धान की बिक्री करने की जरूरत होती है उस समय तक सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी नहीं हो पाती। ऐसे में किसानों को बिचौलियों के हाथों धान बेचना मजबूरी हो जाती है। यहां उत्पाद की तौल कम तो होती ही है। साथ ही औने-पौने दाम में धान बेचना पड़ता है। इस बार सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 1865 रुपये निर्धारित किया है, जबकि पिछले साल 1550 रुपये निर्धारित था।

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कहते हैं किसान
सिमराहा के किसान रामशरण यादव, परिकोच के रामदेव यादव, बड़हरा के ललित मंडल बताते हैं कि क्रय केंद्र नहीं खुलने से मजबूरीवश बिचौलियों के हाथों धान बिक्री करनी पड़ती है। बेलही के विजय यादव कहते हैं कि क्रय केंद्र पर भी किसानों को कोई सुविधा नहीं मिलती। समय से धान खरीद की व्यवस्था नहीं होने से औने पौने दाम में बेचना मजबूरी होती है। शिवजी यादव कहते हैं कि ससमय क्रय केंद्र नहीं खुलने से हरेक साल बिचौलियों के हाथ धान बेचना मजबूरी बन गई है। हररी के शंभू महतो, नरेंद्र यादव कहते हैं कि सरकार किसानों के साथ हमेशा छल करती है। क्रय को लेकर की गई व्यवस्था कागज तक ही सिमट कर रह जाती है।
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