संकरी हो गई सड़कें, ठेला लगाने के लिए भरना पड़ता जुर्माना

बगहा। नगर क्षेत्र में कमाई के चक्कर में लोगों की सुविधाओं का भी ख्याल नहीं रखा जाता है। प्रशासन भी इस मामले में उदासीन दिख रहा है। आज नगर की सड़कें 12 फीट से घटकर आठ फीट रह गई हैं। इससे सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। पर, यही तो कमाई का असल जरिया है। इन चार फीट की सड़क की बोली लगती है। नगर के हिद सिनेमा रोड से लेकर गोला बाजार तक प्रत्येक दुकान के आगे एक या दो ठेले वाले अपने सामान को बेचते हैं। जो पीछे के दुकानदार के कमाई का अच्छा जरिया बने हुए हैं। इनको दुकान के आगे खड़ा करने में पीछे के दुकानदार की मिलीभगत होती है। सूत्रों की माने तो ठेले व रेहड़ियों वालों से अपने दुकान के आगे खड़े करने के एवज में दुकानदार अच्छी रकम की वसूली करते हैं। यह वसूली प्रतिदिन दो सौ से लेकर तीन सौ रुपये प्रति ठेला है। इस हिसाब से अपने दुकान के कमाई के अलावा यह अतिरिक्त कमाई पीछे के दुकानदार को हो जाती है। यह आम के आम व गुठली के दाम वाली कहावत है। बता दें कि यह समस्या नई बाजार भगत सिंह चौक से लेकर पार्वती कन्या विद्यालय के गली के मोड़ तक अधिक दिखाई देती है।


बड़ा है कमाई का गणित
एक ठेले वाले ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि मेरे पीछे का दुकानदार ठेले खड़ी नहीं करने देता था। पर, रेट तय होने के बाद उसे पांच हजार रुपये महीने देता हूं। मेरे साथ एक और रेहड़ी वाला है मिठाई की रेहड़ी लगाता है। वह भी इतनी हीं राशि देता है। इस तरह दुकानदार की कमाई पांच सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पंद्रह हजार रुपये महीने अतिरिक्त हैं। ठेले वाले ने बताया कि हम गरीब हैं। नगर में हमारी दुकान व जमीन नहीं है। इसका फायदा नजायज तरीके से दुकानदार उठाते हैं।
सड़क का किराया लेते हैं दुकान के मालिक
कि सड़क पर सभी चलते हैं। सरकार इसके लिए रोड टैक्स लेती है। पर, इससे दूसरे अपनी जेब भर रहे हैं। यह खेल सालों से चल रहा है। अबतक इस रकम की कमाई को जोड़े तो यह बढ़कर लाखों में पहुंच जाता है। जो दुकानदार की फ्री की कमाई है।
राह चलना मुश्किल
इस तरह दुकान के आगे ठेले व रेहड़ी लगाने के कारण सड़कें संकरी हो जाती हैं। जिसपर आवागमन में काफी कठिनाई होती है। इसका नजारा सबसे अधिक भगत सिंह चौक, हिद सिनेमा रोड व नई बाजार में अधिक दिखाई देता है। वैसे यह समस्या नगर के मुख्य सड़कों पर हर जगह दिखाई देती है। कहते हैं समाजसेवी
नगर पंचायत को इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। जिससे सड़क के इस अतिरिक्त अतिक्रमण से लोगों को मुक्ति मिले। ठेले वालों का भी स्थायी उपाय करना चाहिए। जिनसे इनका रोजी रोटी चल सके। नगर की यह समस्या गंभीर बनती जा रही है।
इंजीनियर रतन शंकर झा, समाजसेवी
नगर में हर जगह यह समस्या है। जिससे सड़कों पर चलना मुश्किल है। ऐसे दुकानदारों को चिन्हित कर प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे जाम से मुक्ति मिल सके। वैसे इन रेहड़ी वालों का भी स्थायी बंदोबस्त करना जरूरी है।
रजनीश सिंह, अध्यक्ष मानव सेवा संगठन बयान :
यह समस्या नगर में कई जगह से सुनने को मिल रही है। जल्द हीं इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जाएगा। ठेले व रेहड़ी वालों के लिए भी बंदोबस्त करने की तैयारी की जा रही है।
सावित्री देवी, मुख्य पार्षद
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