संशोधित:: बीजोपचार के लिए किसानों को किया जाएगा जागरूक



लीड--फोटो फाइल नंबर-30एसयूपी-14
-जिला कृषि पदाधिकारी ने जागरुकता रथ को दिखाई झंडी
-अधिक उत्पादन के लिए बोआई से पहले करें बीजोपचार जागरण संवाददाता, सुपौल: किसानी को सुलभ और सस्ता बनाने के लिए सरकार से लेकर विभाग तत्पर है। इसके लिए नए-नए यंत्र खाद बीज के साथ-साथ किसानों को जागरूक भी किया जाता है। मंशा है कि कृषि लागत को कम कर उपादान को बढ़ाया जाए ताकि किसानों की आय दोगुनी हो सके। इसी उद्देश्य की पूर्ति को ले विभाग ने वर्तमान रबी खेती में बोआई से पूर्व बीजोपचार को प्राथमिकता के तौर पर लिया है, जिसके तहत विभाग द्वारा किसानों को बीज टीकाकरण को ले जागरूक किया जाएगा। इसको लेकर जिला कृषि पदाधिकारी समीर कुमार ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रथ को रवाना किया। जागरूकता रथ गांव-गांव पहुंचकर किसानों को जागरूक करेगा। पौधा संरक्षण के सहायक निदेशक विजय रंजन ने बताया कि किसानों को अधिक उत्पादन के लिए बोआई से पूर्व बीज उपचार निश्चित रूप से कर लेना चाहिए। इससे कम खर्च पर किसान अधिक पैदावार ले सकते हैं। रबी फसल की अच्छी पैदावार के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में जागरूकता रथ को रवाना किया गया है। जागरुकता रथ के माध्यम से सभी क्षेत्रों के किसानों को बीज उपचार के लिए जागरूक किया जा रहा है। किसानों को अधिक से अधिक जानकारी दे सके इसके लिए प्रचार वाहनों पर पौधा संरक्षण से जुड़े अधिकारी व कर्मियों को अभियान में लगाया गया है। उन्होंने बताया कि रबी के मौसम में शामिल गेहूं, मक्का तथा तेलहन, दलहन सभी तरह के बीजों के टीकाकरण की विधि को बताया जाएगा।

--------------------------------------
किसान ऐसे करें बीज का उपचार
बीज उपचार के संबंध में सहायक निदेशक पौधा संरक्षण ने बताया कि गेहूं फसल के बीच फफूंद जनित रोगों से निजात पाने के लिए कार्बेंडाजिम 50 प्रतिशत ट्राइकोडर्मा का 5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से बीज उपचार किया जाना चाहिए। जबकि मिट्टी जनित कीट से होने वाले रोग से बचाव के लिए क्लोरोपायरी हॉर्स 20 प्रतिशत ईसी एक मिली लीटर प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करना चाहिए। जबकि मक्का बीज को फफूंद जनित रोग से रोकथाम के लिए बीज को उपचारित करना चाहिए। इसके लिए कार्बेंडाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण दो ग्राम प्रति किलो की दर से बीज उपचार करना चाहिए। बताया कि दवा के साथ मिले बीज को बोने से पहले नमक घोल में भिगोकर फिर साफ पानी में दो से तीन बार धोना चाहिए। तत्पश्चात उसकी बोआई करनी चाहिए।
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार