तीस पैक्सों को दिया जा चुका है सीसीए, शेष को मिलेगा आज

बक्सर : सरकार द्वारा धान खरीदने का आदेश जारी होने के बाद अब जिला प्रशासन द्वारा इसकी कवायद तेज कर दी गई है। इस बीच जिलाधिकारी द्वारा 25 नवम्बर से ही धान खरीद का आदेश जारी कर दिया गया था। पर पैक्सों को पैसा नहीं दिए जाने के कारण अब तक धान खरीद की शुरूआत नहीं हो सकी। इस बीच तीस पैक्सों को सीसीए दिया जा चुका है, जबकि शेष समितियों के खाते में आज पैसा जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद एक से दो दिन के अंदर समितियों द्वारा धान खरीद शुरू कर दी जाएगी।

इस वर्ष मानसून के साथ देने से जिले में धान की बम्पर पैदवार हुई है। किसानों को इस बार के फसल से काफी उम्मीदें हैं। इधर सरकार द्वारा भी किसानों के हित में धान क्रय का मूल्य बढ़ाकर ए ग्रेड धान की कीमत 1888 रुपया प्रति क्विटल तय कर दी गई है। बावजूद इसके जिले में धान खरीद शुरू नहीं होने से किसानों को निराश होना पड़ रहा है। इस बीच सुखद यह है कि राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में सख्त निर्णय लेने के बाद अब अगामी एक से दो दिनों के अंदर जिले में धान की खरीद शुरू हो जाएगी। इसकी जानकारी देते जिला सहाकरिता पदाधिकारी बबन मिश्रा ने बताया कि फिलहाल 30 पैक्सों को पहले ही सीसीए दिया जा चुका है। इस बीच छुट्टियों के कारण काम में बाधा पहुंची है। अब आज शेष बचे सभी समितियों के खाता में धान खरीद की राशि भेज दी जाएगी। -17 प्रतिशत नमी तक होगी खरीद
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इस संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया गया है कि 17 प्रतिशत से अधिक नमी वाले धान नहीं खरीदे जाएंगे। इस बीच जिले के कई क्षेत्र में धान की कटाई जारी होने से इस बीच काटे गए धान में नमी अधिक होने से जबतक धान सूखता नहीं है, उसकी खरीद हो पाना संभव नहीं होगा। जल्द बेचने के लिए किसानों को उचित प्रबंध कर धान को सूखाना होगा। हालांकि, गत वर्ष किसानों के हल्ला गुल्ला करने के बाद सरकार द्वारा नमी की मात्रा को बढ़ाकर 19 प्रतिशत तक कर दिया गया था। बावजूद इसके इस साल मात्र 17 प्रतिशत किए जाने से किसानों के बीच थोड़ी निराशा जरूर है। -समितियों का लक्ष्य होगा तय
उीसीओ ने बताया कि जिले में एक लाख एमटी धान खरीद का लक्ष्य मिला है। लक्ष्य के अनुसार समितियों की क्षमता और उनके एरिया को देखते हुए धान खरीद का टार्गेट दिया जा रहा है। तय किए गए टार्गेट के अनुसार ही सभी को धान खरीद का आदेश दिया जा रहा है। -लग्न के कारण बिचौलियों के हाथ ठगे जा रहे किसान
किसानों का रोजी रोजगार से लेकर आमदनी का जरिया खेत की फसल ही होती है। इसी पर उनकी बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर शादी ब्याह तक सारी योजनाएं निर्भर करती हैं। इस बीच लग्न शुरू हो जाने के कारण जिन किसानों के घर में शादी थी उन्हें मजबूरन बिचौलियों के हाथों औने-पौने दाम पर अपनी मेहनत की कमाई को बेचना पड़ा। किसान बताते हैं कि सरकार द्वारा जहां 1888 रुपया प्रति क्विटल धान का रेट तय किया गया है, वहीं बिचौलिए उनकी धान 1300 से 1400 की दर से खरीद रहे हैं। बावजूद इसके जरूरत को देखते हुए मजबूरन उन्हें बिचौलियों के हाथों बेचना पड़ रहा है।
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