चार बच्चों के हत्यारे बेटे के खिलाफ बूढ़ी मां ने दर्ज कराई एफआईआर

भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के बलहां अलीमर्दनपुर गांव में एक साथ चार बच्चों की सनकी पिता द्वारा हत्या करने की दिल दहला देने वाली घटना में मंगलवार को नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। बच्चों के हत्यारे पिता की बूढ़ी मां सुदामी कुंवर के आवेदन पर एफआईआर दर्ज हुई है। इसमें उसने अपने एकलौते हत्यारे पुत्र अवधेश चौधरी को आरोपित किया है। आवेदन में उसने कहा कि सोमवार की रात करीब 12.30 बजे उसके बेटे ने उसे उठाया। वह अपने पुराने घर में सोई हुई थी। उसका बेटा, पतोहू और उसके सभी पोते व पोती नए घर में सोये थे। जगने के बाद उसका बेटा उसे सत्तर हजार रुपये देकर भागने लगा। उसने जब पूछा कि क्या बात है, तो वह जबरदस्ती रुपए देकर अनाप-शनाप बोलने लगा। उसने सभी को मार डालने की बात कही। जब उसने घर में जाकर देखा तो बहू रीता देवी, पोती अंजली खून से लथपथ थी और अन्य तीन बच्चे बिस्तर पर मृत पड़े थे। इसके बाद घटना की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया। उसके द्वारा जहर खा लेने की बात कहने पर पुलिस कस्टडी में उसे इलाज के लिए ले जाया गया। इधर पुलिस ने बताया कि उसके दिमागी हालत का अध्ययन किया जा रहा है। पुलिस उसकी स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रही है। साथ ही उसकी जख्मी पत्नी और बेटी के ठीक होने का इंतजार कर रही है, ताकि उसका बयान लिया जा सके। पुलिस ने बताया कि हत्या करने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।

घटना के बाद पसरा सन्नाटा, चले गए सभी रिश्तेदार
भगवानपुर हाट। चार बच्चों की हत्या की घटना के बाद अवधेश चौधरी के घर में सन्नाटा पसरा हुआ है। सभी रिश्तेदार अपने-अपने घर चले गए हैं। नए घर में ताला जड़ दिया गया है। घटना के बाद से ही गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। बूढ़ी मां गुमसुम बैठी थी। उसकी बेटी गीता देवी, नतीनी किरण देवी व पड़ोसी महिलाएं शोकाकुल उनके साथ बैठी हुई थीं। बच्चों की बूढ़ी दादी व रिश्तेदारों के विलाप से माहौल गमगीन बना हुआ। सभी ग्रामीण व रिश्तेदार उसके इस करतूत से हतप्रभ हैं। वहीं पुलिस भी हत्या के कारणों का पता लगाने में जुटी है। उसकी बूढ़ी मां ने बताया कि वह वह अपने बेटे से अलग रहती थी। उसका बेटा अपने परिवार के साथ नए घर में रहता था। वह अपनी एक मृत बेटी की पुत्री(नतीनी) किरण कुमारी के साथ पुराने घर में रहती है। वह मेहनत मजदूरी कर और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर गुजर-बसर करती है। किसी-किसी के आते रहने से सभी की आंखें नम हो जा रहीं हैं। उसके जानने वाले लोगों का कहना है कि वह तंत्र-मंत्र में विश्वास करता था और संतों की संगति में रहता था।
गांव के वैवाहिक कार्यक्रम रहा फीका
भगवानपुर हाट। घटना के दूसरे दिन गांव में पसरे मातम के बीच ग्रामीण व पड़ोसी बुधवार को दैनिक दिनचर्या में जुट गए थे। लग्न का मौसम होने के कारण पास-पड़ोस में भी वैवाहिक कार्यक्रम पहले से निर्धारित है। लेकिन, ऐसी दर्दनाक घटना के कारण सभी वैवाहिक कार्यक्रम फीके पड़ गए। मंगलवार की रात पड़ोसी श्रीकिशुन चौधरी व बालचन्द चौधरी के घर वैवाहिक कार्यक्रम फीका रहा। सिर्फ मांगलिक कार्यक्रम की खानापूर्ति की गई।
शवों को बिना मुखाग्नि दिए हुआ अंतिम संस्कार
भगवानपुर हाट। सनकी अवधेश चौधरी के करतूत से पूरा परिवार बर्बाद हो गया है। स्थिति ऐसी हो गई थी कि परिवार में एक बूढ़ी मां को छोड़ फिलहाल कोई नहीं था। इससे मृत चारों बच्चों को मुखाग्नि देने वाला कोई नहीं था। ग्रामीणों व रिश्तेदारों ने बिना मुखाग्नि दिए ही शवों को अग्नि के हवाले कर दिया। बच्चों की दादी ने बताया कि गांव में कई वैवाहिक कार्यक्रम पहले से निर्धारित होने के कारण फिलहाल बच्चों के श्राद्धकर्म का कार्य स्थगित कर दिया गया है। गांव व पड़ोस में वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न हो जाने के बाद वे स्वयं अपने पोते-पोती के पुतले को मुखाग्नि देकर श्राद्ध संस्कार करेंगीं।
पूरा खानदान हो गया खत्म, सभी मानसिक बीमारी के शिकार
भगवानपुर हाट। अवधेश चौधरी द्वारा अपने सभी तीन पुत्रों व एक पुत्री की हत्या कर दिये जाने के बाद उसके अलावा खानदान में कोई पुरूष नहीं बचा है। पड़ोसी लालचंद चौधरी व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उसके पिता तीन भाई थे। उसके पिता के बड़े भाई सीताराम चौधरी की शादी के बाद उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण पत्नी छोड़कर चली गई थी। उसे कोई संतान नहीं थी। वे मानसिक बीमारी से पचास वर्ष की उम्र में स्वर्ग सिधार गए। उसके चाचा राजकिशोर चौधरी की शादी नहीं हुई थी। उनकी भी करीब पैंतीस वर्ष मानसिक बीमारी के कारण मौत हो गई। अवधेश के पिता शिवजी चौधरी थे। वे भी मानसिक हालत ठीक नहीं होने के कारण गाड़ी के आगे कूदकर जान दे दिए थे। अब अवधेश ने अपने सभी तीनों पुत्रों की हत्या कर खानदान का नामोनिशान मिटा दिया है।

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