जयंती पर याद किए गए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद

लखीसराय। प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 136 वीं जयंती गुरुवार को समारोह पूर्वक प्लस टू श्री रामवतार सिंह उच्च विद्यालय बड़हिया परिसर में मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. रामप्रवेश कुमार सिंह ने की। इस मौके पर उपस्थित शिक्षकों ने राजेंद्र बाबू की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षक मनोज कुमार ने कहा कि राजेंद्र बाबू का जन्म बिहार के सिवान जिले के जीरादेई गांव में तीन दिसंबर 1884 को हुआ था। उनके पिता का नाम महादेव सहाय और माता का नाम कमलेश्वरी देवी था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बिहार के छपरा जिला स्कूल में हुई थी। वे पढ़ने लिखने में बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। उनकी हिदी, अंग्रेजी, उर्दू, बंगाली एवं फारसी विषय पर अच्छी पकड़ थी। 1962 में राजेंद्र प्रसाद को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। राजेंद्र प्रसाद महात्मा गांधी के बेहद करीबी सहयोगी थे। आजादी के बाद वह भारत के पहले राष्ट्रपति बने। उन्होंने संविधान सभा का भी नेतृत्व किया था। उनके जीवन पर उनके गुरु गोपाल कष्ण गोखले के विचारों का गहरा प्रभाव था। कार्यक्रम को शिक्षक कमलेश कुमार, राजकुमार आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर शिक्षक अनुराग श्रीवास्तव, रंजीत कुमार, रूपेश कुमार, मनोज कुमार पांडेय सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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