पीएम स्वनिधि योजना के लोन से 600 आवेदक वंचित, नमो करेंगे समीक्षा

पीएम स्वनिधि योजना के लोन से 600 आवेदक वंचित, नमो करेंगे समीक्षा

बिहार के सभी निकायों को तैयारी करने का दिया गया निर्देश
बैंकों ने पीएम की घोषणा के बाद वेडरों को लोन देने में लायी तेजी
नौ सौ छह स्वीकृत आवेदनों में अबतक 124 वेंडरों को ही मिल पाया है लोन
वेंडरों को दस हजार रुपये लोन देने की है योजना
छपरा। एक संवाददाता
पीएम स्वनिधि योजना के तहत वेंडरों को लोन देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अभी सार्थक परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत 6 सौ से अधिक वेंडर तो लोन से वंचित हैं जबकि 721 वेंडरों को अभी निगम की ओर से आईडी व र्सिफिकेट ऑफ वेंडिंग ही उपलब्ध कराया गया है। ऑनलाइन आवेदन करने वाले 906 लोगों में से महज 124 लोग ही लोन पाने में सफल हो सके हैं। इस योजना की प्रगति का हाल जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल्द ही नगर निकायों में चलायी जा रही पीएम स्वनिधि योजना की समीक्षा करेंगें। अन्य राज्यों के निकायों की समीक्षा के बाद आने वाले कुछ दिनो में यहां के निकायों की प्रगति की भी समीक्षा की जायेगी। विधानसभा चुनाव होने के कारण इसमें अन्य राज्यों के साथ समीक्षा नहीं की गयी। अब सभी निकायों को तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। लॉकडाउन के समय से लेकर अबतक कितने स्ट्रीट वेंडरों को दस हजार लोन देने के लिए तैयार किया गया है, कितने वेंडरों को लोन मिल चुका है और वेंडरों को लोन मिलने में समस्या क्या आ रही है। इसकी ही समीक्षा की जायेगी। नगर विकास व आवास विभाग के माध्यम से राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत चलायी जा रही स्वनिधि योजना को लेकर काम किया जा रहा है। देश भर में 1 जून से इस योजना की शुरुआत की गयी थी। इसके तहत लॉक डाउन में बेरोजगार हुए वेंडरों को फिर से काम की शुरुआत के लिए दस हजार रुपये का लोन दिया जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए दिये जा रहे हैं लोन
इस योजना का मुख्य उदेश्य वेंडरों को आत्मनिभर बनाना है। इसलिए प्रधानमंत्री ने स्वनिधि योजना की शुरुआत की है। डिजिटल लेनदेन को बढ़ाने को लेकर भी सभी वेंडर्स को प्रोत्साहित करने का भी दिश निर्देश दिया गया है। लोन की राशि जमा करने वालों को कैशवैक भी मिलेगा और सात फीसदी की सरकारी सब्सिडी भी मिलेगी। कैशबैक व सब्सिडी मिलने के बाद वेंडरों का लोन पूर्णत: ब्याजमुक्त हो सकेगा।
शहरी फुटपाथी 1646 विक्रेताओं का किया गया था सर्वेक्षण
नगर निगम की ओर से 1646 शहरी फुटपाथी विक्रेताओं का सर्वेक्षण सितम्बर 20 में किया गया था। इनमें 906 का नगर निगम के द्वारा शिविर लगा कर ऑन लाइन आवेदन किया गया था। इसमें से 342 वेंडरों के आवेदन को स्वीकृत किया गया। इन स्वीकृत 342 वेंडरों में 124 को निगम ने बैंकों के माध्यम से दस हजार रुपये लोन दिलाया । ताज्जुब कि बात तो यह है कि 906 स्वीकृत आवेदनों में से 342 को ही स्वीकृति मिली जबकि 721 वेंडरों को निगम की ओर से आईडी व र्सिफिकेट ऑफ वेंडिंग उपलब्ध करा दिया गया। अभी भी 600 से अधिक वेंडर किसी भी सुविधा से वंचित हैं।
लीडबैंक की उदासीनता के कारण अन्य वेंडरों को नहीं मिल पाया लोन
लीड बैंक की उदासीनता के कारण अबतक महज 124 वेंडरों को ही लोन मिल पाया है जबकि अन्य वेंडर निगम व बैंकों का चक्कर लगाने पर मजबूर हैं। इससे पहले निगम की ओर से इस योजना से संबंधित सारे दिशा निर्देश उपलब्ध कराये जा चुके हैं। लेकिन अन्य 218 वेंडर लोन के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।

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