लखीसराय में पहचान की तलाश कर रहा जिला स्कूल, पढ़ाई व रिजल्ट में अव्वल

लखीसराय [मुकेश कुमार]। जिला मुख्यालय स्थित प्लस टू आदर्श राजकीय उच्च विद्यालय, हसनपुर, लखीसराय (जिला स्कूल) शैक्षणिक ²ष्टिकोण से काफी समृद्ध है। यहां पढ़ाई के साथ-साथ स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय प्रयास किया गया है। इस विद्यालय का रिजल्ट भी अन्य विद्यालयों की तुलना में बेहतर रहा है। कोरोना काल में जहां अधिकतर माध्यमिक और प्लस टू विद्यालयों में बच्चे नजर नहीं आते हैं, वहीं इस विद्यालय में आज भी 150 से अधिक छात्र-छात्राएं प्रत्येक दिन परामर्श के लिए पहुंच रहे है। सभी विषयों के शिक्षक छात्र-छात्राओं को परामर्श दे रहे हैं। विद्यालय की नियमित साफ सफाई, चेतना सत्र का आयोजन, शिक्षकों के प्रति छात्रों का आदर सम्मान और अनुशासन अन्य विद्यालयों से यहां अलग नजर आता है। बावजूद इसके जिला स्कूल संसाधन और आधारभूत संरचना की कमी से जूझ रहा है। यह हाल तब है जब इस विद्यालय की प्रबंध कार्यकारिणी के अध्यक्ष खुद जिलाधिकारी हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी पदेन सचिव सह विद्यालय के प्राचार्य होते हैं, लेकिन आज भी यह विद्यालय अपनी पहचान की तलाश कर रहा है। ---


उर्दू के शिक्षक पढ़ाते हैं विज्ञान प्रभारी प्राचार्य सहित माध्यमिक शिक्षा के लिए 10 शिक्षक कार्यरत हैं। विज्ञान विषय के शिक्षक नहीं है। पड़ताल के दौरान उर्दू शिक्षक अबरार आलम नौवीं कक्षा के बच्चों को विज्ञान पढ़ाते मिले। वे बच्चों को कोशिका के बारे में बता रहे थे। इसके अलावा एक कमरे में हिदी शिक्षक मृत्युंजय कुमार और एक कमरे में अंग्रेजी के शिक्षक छात्रों को परामर्श दे रहे थे। 10 वीं कक्षा के 161 छात्र तो सेंटअप हो चुके हैं। नौवीं कक्षा के कुल 262 छात्रों में करीब डेढ़ सौ छात्र परामर्श के लिए रोज विद्यालय आ रहे हैं। इनमें लड़कियों की संख्या अधिक रहती है।
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2010 में प्लस टू का मिला दर्जा, नहीं बना भवन
राज्य सरकार द्वारा जिला स्कूल को वर्ष 2010 में प्लस टू का दर्जा दिया। विद्यालय के पुराने भवन की जगह नया भवन निर्माण और प्रयोगशाला के लिए विभाग द्वारा विद्यालय को 36 लाख की राशि दी गई। जिला प्रशासन और विभागीय उदासीनता के कारण निर्माण कार्य नहीं हुआ। इस कारण राशि विभाग को लौटा दी गई। पांच बड़े हॉल का पुराना भवन दस वर्षों से बेकार एवं अनुपयोगी बना हुआ है। इस पर किसी का ध्यान नहीं है। हर वर्ष विद्यालय में 11 वीं और 12 वीं कक्षा में हर साल 460 से अधिक छात्रों का नामांकन लिया जा रहा है। प्लस टू की कक्षा संचालन के लिए विद्यालय में जगह नहीं है। --
प्लस टू की पढ़ाई संगीत और दो अतिथि शिक्षक के जिम्मे
जिला स्कूल में 11 वीं कक्षा में विज्ञान संकाय में 120, कला संकाय में 117 छात्र, 12 वीं कक्षा में विज्ञान में 120 और कला में 111 छात्र नामांकित है। प्लस टू की पढ़ाई की जिम्मेदारी एक संगीत शिक्षक रामलोचन के अलावा दो अतिथि शिक्षक रिकी कुमारी और निभा सिन्हा के जिम्मे है। गणित, भौतिकी, जंतुविज्ञान के अलावा कला संकाय में एक भी विषय के शिक्षक नही हैं। खास बात यह है कि जिला स्कूल में विषयवार शिक्षकों की कमी के बावजूद इंटर परीक्षा में 90 फीसद से अधिक छात्र-छात्राएं 80 से 90 फीसद अंक प्राप्त कर बेहतर रिजल्ट दे रहे हैं। --- जिला स्कूल हसनपुर को सरकार द्वारा वर्ष 2018 में आदर्श विद्यालय का दर्जा दिया गया है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण विद्यालय में आधारभूत संरचना का अभाव है। 10 वर्षों से विद्यालय का पूरा भवन बेकार पड़ा हुआ है, लेकिन प्रशासन द्वारा कभी ध्यान नहीं दिया गया। इसका असर पठन-पाठन पर पड़ रहा है। विद्यालय के लिपिक और आदेशपाल को दूसरी जगह प्रतिनियुक्ति कर दिया गया है।
राजनीति प्रसाद सिंह, प्रभारी प्राचार्य
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