IND vs AUS : एडिलेड टेस्ट में टीम इंडिया की करारी हार, ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज में 1-0 से बनाई बढ़त

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट मैच में भारत को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को टेस्ट मैच में तीसरे दिन ही 8 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ टिम पेन की कप्तानी वाली आस्ट्रलियाई टीम ने 4 मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है।

भारत ने अपनी पहली पारी में 244 रन बनाए थे, जिसके बाद मेजबान टीम की पहली पारी 191 रन पर समेट दी। इसके बाद भारत की दूसरी पारी मात्र 36 रन पर समाप्त हो गई और ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 90 रन का आसान टारगेट मिला। मेजबान टीम ने 2 विकेट खोकर 11 ओवर में ही 93 रन बनाते हुए मैच जीत लिया।
A dramatic turnaround on day three! Australia win by 8️⃣ wickets in Adelaide to take a 1-0 lead in the series ? Can you describe their performance in one word?#AUSvIND ? https://t.co/Q10dx0r4nX pic.twitter.com/uGMS0InEHm
भारत के लिए पहली पारी में जहां कप्तान विराट कोहली ने 74 रन की शानदार पारी खेली वहीं दूसरी पारी में वह 4 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। ऑस्ट्रेलिया के लिए पहली पारी में मिशेल स्टार्क ने 4 और पैट कमिंस ने 3 विकेट झटके। वहीं, दूसरी पारी में जोश हेजलवुड ने कमाल दिखाया और मात्र 8 रन देकर 5 विकेट लिए। पैट कमिंस ने दूसरी पारी में 21 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए।
भारतीय बल्लेबाजी की खस्ता हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दूसरी पारी में कोई भी बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच सका। दूसरी पारी में टीम इंडिया की तरफ से सबसे अधिक ओपनर मयंक अग्रवाल ने 9 रन बनाए। यह विराट कोहली का इस दौरे पर अंतिम मैच था। अब वह पैटरनिटी लीव पर स्वदेश लौट जाएंगे। दोनों टीमों के बीच सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच मेलबर्न में 26 दिसंबर से खेला जाएगा। अब अजिंक्य रहाणे शेष सीरीज में टीम इंडिया की कमान संभालेंगे।
न्यूनतम स्कोर से बची टीम इंडिया भारत का इससे पहले न्यूनतम स्कोर 42 रन था जो उसने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में बनाया था। टेस्ट क्रिकेट में न्यूनतम स्कोर का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाम पर है जिसने 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ ऑकलैंड में 26 रन बनाए थे।
अब विराट के नाम शर्मसार रिकॉर्ड भारतीय टीम ने पहली पारी में 53 रन की बढ़त हासिल की थी लेकिन इसके बावजूद वह शर्मनाक हार के कगार पर पहुंच गई। भारतीय टीम के 1974 के प्रदर्शन का बोझ सुनील गावस्कर और अजित वाडेकर जैसे दिग्गज उठाते रहे हैं लेकिन अब इसकी जगह एडिलेड के प्रदर्शन ने ली है।
दिखी बल्लेबाजों की कमजोरी एक समय भारतीय टीम का स्कोर आठ विकेट पर 26 रन था और वह टेस्ट क्रिकेट के न्यूनतम स्कोर की बराबरी करने की स्थिति में दिख रही था लेकिन हनुमा विहारी (आठ) के चौके से टीम क्रिकेट इतिहास के सबसे खराब रिकॉर्ड की बराबरी करने से बच गई। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों की अतिरिक्त उछाल वाली गेंदों के सामने भारतीय बल्लेबाजी की कमजोरी खुलकर सामने आ गई। गेंदबाजों ने गेंद की सीम का अच्छा इस्तेमाल किया। तेज और उछाल भरी गेंदों के सामने भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। भारत का कोई भी बल्लेबाज दहाई के अंक में नहीं पहुंच पाया। नाइटवॉचमैन जसप्रीत बुमराह (2) के पहले ओवर में आउट होने के बाद जोश हेजलवुड (पांच ओवर में आठ रन देकर पांच विकेट) और पैट कमिंस (10.2 ओवर में 21 रन देकर चार विकेट) भारतीय पारी को तहस नहस कर दिया। इससे भारत की मजबूत कहे जाने वाली बल्लेबाजी का दंभ भी खत्म हो गया।

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