अपेक्षा थी बेहतर शिक्षा की, अधूरे रहे ख्वाब, अब उम्मीदों की तसल्ली

बेतिया। वक्त करवट ले रहा है। नया वर्ष दस्तक दे रहा है और वर्तमान वर्ष हाथ हिलाते हुए अलविदा कह रहा है। हर नया वर्ष कई उम्मीदें लेकर आता है। एक बीता हुआ वर्ष बहुत सारे बदलाव भी छोड़ जाता है। ऐसे ही ढेरों उम्मीदें लेकर वर्ष 2021 भी भविष्य की दहलीज पर खड़ा है। ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में बात करें तो बहुत बड़ा बदलाव नहीं आया। शिक्षा के क्षेत्र में जिले की स्थिति कभी ज्यादा अच्छी नहीं रही। न ही कभी सियासतदानों ने शिक्षा सुविधाओं के लिए कभी कोई मांग उठाई है। यदि शिक्षा के क्षेत्र में नई सौगात की बात करें तो वर्ष 2020 में जिले की झोली खाली ही रही है। कुछेक सुधार हुए हैं, लेकिन उन्हें बड़ी उपलब्धि नहीं कहा जा सकता। जिले में कई स्कूल अपडेट हुए हैं। ये सुधार महज स्कूली शिक्षा के स्तर के हैं। कॉलेज स्तर की पढ़ाई के लिए आज भी जिले के विद्यार्थी दूसरे जिलों पर निर्भर हैं। न ही यहां के नेताओं ने कभी टेक्नीकल कॉलेज के लिए मांग उठाना उचित समझा। अब ख्वाबों को तसल्ली देने के लिए यह कह सकते हैं कि शायद वर्ष 2021 में इस दिशा में सरकार खुद ही कुछ सोच ले। इस वर्ष ऐसे में कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया है। कोरोना वायरस ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाया है, इसी के साथ बच्चों के भविष्य पर भी प्रभाव डाला है। लेकिन इससे शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव आया है। शिक्षा प्रदान करने का ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध साधनों को बहुत आसान बना दिया है।

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--------------- रोजगारपरक शिक्षा संस्थाओं का अभाव
बदलते हालात में छात्रों का रूझान पारंपरिक शिक्षा के इतर रोजगारपरक शिक्षा की ओर है। इंजीनियरिग, मेडिकल, डिप्लोमा, एमबीए कोर्सो का क्रेज भी बढ़ा है। लेकिन जिले में इसकी पूर्ति के लिए संस्थानों का घोर अभाव है। बेतिया में एक मात्र मेडिकल कॉलेज खुला है, जिसमें सीटों की संख्या सीमित है। अन्य कोर्सो के लिए दूसरे राज्यों पर छात्रों की निर्भरता है।
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स्कूलों में शुरू हुई स्मार्ट क्लास
शिक्षा विभाग के लिए यह शायद सबसे बड़ी उपलब्धि रही है। जिले के स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू हुई हैं। इनमें माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शामिल हैं। इन स्कूलों में आधुनिक तरीके से बच्चों को पढ़ाया जाता है। इसके तहत स्कूलों के छात्र-छात्राओं को ऑडियो विजुअल पढ़ाई का लाभ मिल रहा है। जिले के ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में चॉक व टॉक सिस्टम से बच्चों की पढ़ाई हो रही है। कंप्यूटर के माध्यम से बच्चों की डिजिटल पढ़ाई होने से बच्चों का रुझान पढ़ाई के प्रति बढ़ है। इससे स्कूलों में बच्चों को और गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिलेगी और बच्चों के सीखने की क्षमता में वृद्धि होगी।
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परीक्षा परिणाम में सुधार आया है: डीईओ
वर्ष 2020 में शिक्षा के गुणात्मक सुधार आया है। कोरोना काल मे ऑनलाइन शिक्षा भी एक विकल्प के तौर पर आया है। यदि दसवीं व बारहवीं के परीक्षा परिणाम की बात करें तो बहुत सुधार हुआ है। आज जिला प्रदेश के अव्वल रहने वाले जिलों में माना जाता है। मैं भरोसा दिलाता हूं कि वर्ष 2021 में इससे भी ज्यादा आगे रहेंगे। हमारा फोकस शिक्षा स्तर सुधार व मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने में रहेगा।
-विनोद कुमार विमल, डीईओ
पश्चिम चंपारण
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बरकरार हैं ये चुनौतियां -स्कूलों में शिक्षकों व सुविधाओं का टोटा।
-कई कॉलेजों के भवन तक नहीं बने।
-तकनीकी शिक्षण संस्थानों का अभाव।
-मौजूद संस्थानों में संसाधनों की कमी है।
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इनसेट
उम्मीदें 2021 नए साल से उम्मीदें - स्कूलों में सुविधाओं का इजाफा होगा
- कॉलेजों के भवनों का विस्तार होगा।
- आरएलएसवाई कॉलेज में बीएड कोर्स की मान्यता
- स्कूलों व कॉलेजों में शिक्षकों की संख्या बढ़ सकती है।
- शिक्षा विभाग का अपना भवन मिल सकता है
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