एडिलेड में क्या बना विराट कोहली की 'नए भारत का प्रतिनिधित्व' वाली दलील का?

एडिलेड टेस्ट शुरू होने से कुछ ही घंटे पहले टेस्ट में भारत के कप्तान विराट कोहली ने खुद को "नए भारत का प्रतिनिधि" घोषित किया था। इससे उनका मतलब क्या था? ऐसा प्रतिनिधि जो कभी उम्मीद नहीं छोड़ता, चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार और आखिर तक हार नहीं मानना। अगर ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले तक की विराट कोहली की क्रिकेट देखें तो ये सारी बातें उस पर खरी उतरती हैं। इसीलिए ही तो ग्रेग चैपल ने उन्हें ऐसा सबसे बेहतर गैर ऑस्ट्रेलियाई बताया जो सही मायने में 'ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर' है। यही वे खूबी हैं जिन्होंने विराट कोहली को विश्व के सबसे बेहतर बल्लेबाज़ का टाइटल दिलाया। उन्होंने कहा," जिस तरह का मेरा व्यक्तित्व और चरित्र है, मैं नए भारत का प्रतिनिधित्व करता हूं।"

एडिलेड टेस्ट से पहले कोहली 2020 की अपनी क्रिकेट और टीम के बारे में ये बातें चारों ओर गूंज रही थीं। उन्होंने कहा था कि "नया भारत" कैसे मिलकर एक ताकत है और कोई व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं। ये वही टीम है जिस सिर्फ कुछ महीने पहले टीम के हेड कोच रवि शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट की 15-20 सालों की सर्वश्रेष्ठ भारतीय टीम बताया था। एडिलेड में क्या हवा में उड़ गईं ये सब बातें और दलीलें? पिछले ऑस्ट्रेलिया टूर में जिस अंदाज़ में सीरीज जीते थे उसकी एक भी खूबी इस बार नज़र नहीं आई, और टीम की धज़्ज़ियां उड़ गईं।
वास्तव में क्रिकेट बहुत बदल गई है। 'ओल्ड इंडिया' में क्रिकेट प्रेमी स्टेडियम में क्रिकेट देखते थे - आज लाइव स्ट्रीमिंग पर क्रिकेट देखते हैं। 1974 में 42 पर आउट होने का गुस्सा सड़कों पर निकला, क्रिकेटरों के घर पत्थर फेंके गए, अजीत वाडेकर की कप्तानी चली गई। विराट कोहली के नए भारत में क्रिकेट प्रेमियों का गुस्सा सोशल मीडिया में निकला, किसी के पास क्रिकेटरों के घर जाने की फुर्सत नहीं है और एक बार भी कहीं से ये आवाज़ नहीं आई कि विराट को कप्तानी से हटाओ। ये टीम के 42 पर आउट होने का गुस्सा ही था कि यूके में भारतीय हाई कमिशनर ने क्रिकेटरों को रिसेप्शन पर घर बुलाकर भी गेट आउट कह दिया था। आज 36 के बावजूद कोई ऐसा नहीं कर रहा और न करेगा।
फिर भी 'ओल्ड इंडिया' ने जो मेहनत की उसका फायदा इस न्यू इंडिया को मिल रहा है। शायद आज के क्रिकेटरों को 'पुराने भारत' के बारे में क्रैश कोर्स की जरूरत है। उन्होंने भी चुनौतियों का सामना किया पर अलग हालात में। टाइगर पटौदी ने स्पिन के साथ भारत को जीत दिलाई, सुनील गावस्कर ने दिखाया कि बिना हेलमेट के वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज़ों को कैसे खेला जाए, और कैसे सचिन तेंदुलकर ने मैच-फिक्सर की घुसपैठ के बावजूद ड्रेसिंग रूम में अकेले दम पर दुनिया को अपने कब्जे में ले लिया।
क्या 36 का स्कोर एक टीम के अहंकार का नतीजा है? क्रिकेट अहंकार का नहीं, टीम की हिम्मत का खेल है। ऐसा नहीं है कि सीरीज में आगे भी हर पारी में टीम यूं ही 36 बनाती रहेगी पर सच ये है कि खेल सबसे बड़ा है और 'तारे जमीं पर' आते में देर नहीं लगती।
भारतीय टीम के युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने ऑस्ट्रेलियाई के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले की दोनों पारियों में निराश किया. शॉ को पहली पारी में तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने बोल्ड किया, जबकि दूसरी पारी में उन्हें पेट कमिंस ने बोल्ड कर वापस पवेलियन की राह दिखाई. एडिलेड टेस्ट में अपने खराब प्रदर्शन के बाद पृथ्वी शॉ आलोचकों के निशाने पर आ गए. सोशल मीडिया पर भी उनका बुरी तरह से मज़ाक बना.
अब ऑस्ट्रेलियाई टीम के सलामी बल्लेबाज जो बर्न्स ने शॉ के 'फ्लॉप शो' को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि वे भारतीय बल्लेबाज को कोई सलाह नहीं देंगे, क्योंकि वे उनके खिलाफ खेल रहे हैं. बर्न्स को लगता है कि अगर वे शॉ को सलाह देंगे तो वे उनकी टीम के खिलाफ पलटवार कर सकते हैं.
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा, "मैं उन्हें कोई सलाह नहीं दूंगा, क्योंकि मैं उनके खिलाफ खेल रहा हूं. मैं उम्मीद कर रहा हूं कि वह रन नहीं बनाएं. मैं वास्तव में नहीं जानता कि वह किस फॉर्म में हैं. मैं उनका अनुसरण नहीं कर रहा हूं." कंगारू बल्लेबाज ने आगे कहा, "यदि वह भारत के लिए खेल रहे हैं तो वह स्पष्ट रूप से एक गुणवत्ता वाले खिलाड़ी हैं. मैं सीरीज के अंत में सलाह दे सकता हूं, लेकिन पहले मैच के बाद नहीं."
गौरतलब है कि टीम इंडिया पहले टेस्ट की दूसरी पारी में महज 36 रनों पर ही ढेर हो गई थी. टेस्ट क्रिकेट इतिहास में भारत का यह सबसे न्यूनतम स्कोर था.
न्यूजीलैंड के खिलाफ 26 दिसंबर से शुरू होने वाली दो मुकाबलों की टेस्ट सीरीज से पहले पाकिस्तानी टीम को तगड़ा झटका लगा है. मेहमान टीम के कप्तान बाबर आज़म और सलामी बल्लेबाज इमाम उल हक चोट लगने की वजह से पहले टेस्ट से बाहर हो चुके हैं. इमाम उल हक को ट्रेनिंग के दौरान बाएं हाथ के अंगूठे में फ्रेक्चर हुआ है. उन्हें 12 दिन के रेस्ट की सलाह दी गई है.
वहीं, दाएं हाथ के बल्लेबाज बाबर आज़म 12 दिसंबर को क्वीन्सटाउन में प्रैक्टिस के दौरान चोटिल हो गए थे, जिसके कारण वह तीन मैचों की टी20 सीरीज से पहले ही बाहर हो चुके हैं. अब वे कीवी टीम के खिलाफ बॉक्सिंग-डे टेस्ट में भी नहीं खेल पाएंगे.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी है कि घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले दाएं हाथ के ऊपरी क्रम के बल्लेबाज इमरान बट को पाकिस्तान की 17 सदस्यीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया है, जबकि स्टार खिलाड़ी मोहम्मद रिजवान को बाबर आज़म की जगह टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया है. वे पाकिस्तान की टेस्ट टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले 33वें खिलाड़ी बनेंगे.
न्यूजीलैंड के खिलाफ दो मुकाबलों की टेस्ट सीरीज का कार्यक्रम इस प्रकार है :
पहला टेस्ट, 26-31 दिसंबर, 2020 - बे-ओवल, मौंगानुई दूसरा टेस्ट, 3-7 जनवरी, 2021 - क्राइस्टचर्च
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली इस दशक के सबसे कामयाब बल्लेबाजों में से एक रहे हैं. उन्होंने साल 2008 में श्रीलंका के खिलाफ दंबुला में एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था. इसके बाद उन्होंने साल 2009 से 2019 तक इंटरनेशनल क्रिकेट में 70 शतक जड़े, लेकिन 2020 में उनके बल्ले से एक भी सेंचुरी नहीं आई. ऐसे में तीनों ही प्रारूपों में उनका बल्ला शतक के लिए तरसता रहा. कोहली के डेब्यू के बाद पहली बार ऐसा हुआ, जब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में किसी भी एक साल में उन्होंने कोई शतक नहीं जड़ा.
हाल ही में संपन्न ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट मैच की पहली पारी में उन्होंने 74 रन बनाए. कंगारुओं ने मेहमानों को इस मुकाबले में 8 विकेट से पराजित कर चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल की. किंग कोहली के लिए इस साल का यह आखिरी मैच था, क्योंकि उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा बहुत जल्द ही बच्चे को जन्म देने वाली हैं और इस वजह से कोहली वापस भारत लौटकर अपनी पत्नी के साथ रहेंगे.
कोहली ने इस साल बनाया अपने करियर का एक और सबसे शर्मनाक रिकॉर्ड
इस साल कोहली ने एक और शर्मनाक रिकॉर्ड अपने नाम किया. दाएं हाथ के बल्लेबाज के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी एक साल में उन्होंने एक भी मैन ऑफ द मैच का खिताब नहीं जीता.
विराट कोहली के मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड का लेखा जोखा इस प्रकार है:
2008 - 0 2009 - 1 2010 - 3 2011 - 3 2012 - 8 2013 - 6 2014 - 3 2015 - 2 2016 - 9 2017 - 7 2018 - 6 2019 - 9 2020 - 0*
आजकल क्रिकेट में भी फैशन का दौर है। हर क्रिकेटर खुद को फिट के साथ-साथ फैशनेबल रखने पर भी ध्यान देता है। बीते कई सालों से खिलाड़ी भी फैशन सेंस के मामले किसी से पीछे नहीं हैं। क्रिकेट के स्टाइलिश खिलाड़ियों की जब भी बात होती है तो सबसे पहला नाम भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली का आता है। उनकी गिनती क्रिकेट जगत के सबसे स्टाइलिश और सुपरलुकिंग खिलाड़ियों में की जाती है। चलिए आपको क्रिकेट दुनिया के कुछ स्टाइलिश आइकन के बारे में बताते हैं।
माइकल क्लार्क
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज माइकल क्लार्क का नाम क्रिकेट जगत के बेहतरीन खिलाड़ियों में लिया जाता है। 39 साल के इस ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के खेल के साथ-साथ फैंस उनके फैशन सेंस के भी दीवाने हैं। उनका नाम ऑस्ट्रेलिया के सबसे फैशनपरस्त खिलाड़ी के तौर पर लिया जाता है। वैसे तो पूर्व तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन का नाम भी स्टाइलिश क्रिकेटर्स में शुमार है, लेकिन क्लार्क ने अपने हेयरस्टाइल और ऑउटफिट से फैंस को ज्यादा इंप्रेस किया है। इसलिए उन्हें स्टाइलिश आइकन के तौर पर देखा जाता है।
शाहिन अफरीदी
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के युवा तेज गेंदबाज शाहिन अफरीदी ने कई बार शानदार प्रदर्शन करके अपनी टीम की जीत में अहम योगदान दिया है। 20 साल के इस पाक क्रिकेटर ने अपने खेल के अलावा अपने स्टाइलिश सेंस से क्रिकेट फैंस को दीवाना किया है। पड़ोसी मुल्क में एक ऐसा भी दौर था, जब पूर्व दिग्गज कप्तान शाहिद अफरीदी को खूबसूरत क्रिकेटर के तौर पर देखा जाता था, लेकिन अब शाहिन को नए स्टाइलिश आइकन के रूप में फैंस देखते हैं।
विराट कोहली
विश्व के दिग्गज बल्लेबाजों में से एक विराट कोहली ने कई शानदार पारियां खेलकर भारत को जिताया है। उनका नाम क्रिकेट जगत के सबसे स्मार्ट और बेहतरीन खिलाड़ियों में लिया जाता है। किंग कोहली अपनी फैशन सेंस को लेकर लोगों में बहुत लोकप्रिय हैं। आज के आधुनिक युग में वह लाखों युवाओं के लिए स्टाइल आइकन हैं।
फाफ डू प्लेसी
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान फाफ डू प्लेसी ने अपने खेल के साथ अपने स्टाइलिश लुक से सबको दीवाना बनाया है। उनका नाम दुनिया के सबसे हैंडसम क्रिकेटर्स की सूची में लिया जाता है। हालांकि उनके साथी खिलाड़ी पूर्व कप्तान एबी डीविलियर्स को भी स्टाइलिश आइकन माना जाता है।
शाकिब अल हसन
बांग्लादेश क्रिकेट टीम के दिग्गज ऑलराउंडर शाकिब अल हसन का नाम क्रिकेट जगत के स्टइलिश आइकन खिलाड़ियों में शुमार है। वह अपने देश के सबसे स्टाइलिश हैंडसम क्रिकेटर हैं। 33 साल के इस खिलाड़ी के हेयरस्टाइल और ऑउटफिट स्टाइल के फैंस मुरीद हैं।
पैट कमिंस
ऑस्ट्रेलिया के स्टार तेज गेंदबाज पैट कमिंस अपनी गति और सटीक लाइन से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को परेशान करने का दम रखते हैं। 27 साल के ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर की चंचल मुस्कान और गुडलुक्स के फैंस दीवाने हैं। इसके अलावा वह अपने स्टाइल के लिए भी युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं। इसी वजह से उनका नाम ऑस्ट्रेलिया के स्टाइलिश आइकन क्रिकेटर्स में लिया जाता है।

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