बच्चों के नुकसान की भरपाई के लिए टोलों में चलेगा सक्षम बिटियां अभियान

अररिया। कोरोना वायरस के कारण शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है। पिछले 10 माह से बच्चे स्कूल का मुंह नहीं देखे हैं। बच्चे पढ़ाई से पिछड़ गए हैं। इन बच्चों को फिर से मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। सक्षम बिटिया अभियान कार्यक्रम के माध्यम फिर से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाई जाएगी। मुहल्लों में स्कूल खुलेगा। शिक्षा सेवकों व गांव के 10वीं व इंटर पास छात्र एवं छात्राओं से मदद लेकर अभियान को सफल बनाया जाएगा। इस अभियान में बेटियों की शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है। नीति आयोग के निर्देश पर अररिया सहित सूबे के पांच जिले में यह अभियान चलाया जाएगा। अभियान का प्रारूप एक सप्ताह के भीतर बनकर तैयार करने का निर्देश दिया गया है। जिले में 20 जनवरी से अभियान को जमीन स्तर पर उतारने की योजना है। ।


खेल खेल में दी जाएगी शिक्षा :
बच्चों की भरपाई के लिए नीति आयोग के निर्देश पर शिक्षा विभाग व पिरामल फाउंडेशन संस्था ने सोशल, इमोशनल, इथिकल लर्निंग कंसेप्ट पर आधारित शिक्षा दिलाने के लिए रणनीति तैयार किया है। जिसमें कहानी, खेल, नाटक, लेखन के माध्यम बच्चों को दक्ष बनाया जाएगा।
जिले में खेल-खेल में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाएगी। पहले चरण में जिले के 280 मुहल्ला में प्रारंभिक विद्यालयों के बच्चों को सामुदायिक शिक्षा दी जाएगी। पिरमल फाउंडेशन के जिला समन्वयक मो. अकरम ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर अभियान का प्रारूप बनकर तैयार हो जाएगा। - शिक्षा सेवकों से ली जाएगी मदद समक्ष बेटिया अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षा सेवकों (तालीमी मरकज, टोला सेवक) गांव के दसवीं व इंटर पास छात्र-छात्राएं जो निस्वार्थ भाव से काम करना चाहते हैं उनसे मदद ली जाएगी। अबतक ऐसे 42 छात्र छात्राओं को चिन्हित किया गया है, जो इस अभियान में शामिल होंगे। साथ ही जिले के 1033 शिक्षा सेवकों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा। इन जिलों में चलेगा अभियान आकांक्षी जिले में शामिल देश के 25 जिले में इस अभियान की शुरुआत की गई है। जिसमें बिहार के पांच जिले भी शामिल है। अररिया, कटिहार, सितामढ़ी, बेगुशराय, शेखपुरा जिलों में सक्षम बेटिया अभियान के माध्यम बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा।
छह सप्ताह तक चलेगा अभियान :
जानकार बताते हैं कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को फिर से मुख्यधारा में जोड़ना है। चार से उच्च शिक्षण संस्थान खुल रहे हैं, समीक्षा उपरांत प्राइमरी स्कूल भी खुलेंगे। सकूल बंद रहने की वजह से काफी लंबे समय के गेप के चलते बच्चों की रुचि पढ़ाई के प्रति कम हो गई है। इसको ख्याल में रखते हुए गांवों के टोले में छह सप्ताह तक सक्षम अभियान चलाया जाएगा। ताकि के बच्चे मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। खासकर लड़कियों की शिक्षा पर अधिक बल दिया जाएगा। क्योंकि कोरोनाकाल के दौरान कुछ हदतक लड़के ऑनलाइन शिक्षा ले पाए थे लेकिन पिछड़े जिले के बेटियों को आधुनिक मोबाइल नहीं रहने कारण ऑनलाइन शिक्षा से पूरी तरह वंचित रहना पड़ा।
कोट- सक्षम बिटिया अभियान का प्रारूप तैयार करने का निर्देश दिया गया है। शिक्षा सेवकों व वॉलिटिर्स की मदद से अभियान को सफल बनाया जाएगा। जिसमें कक्षा तीन से पांच तक के बच्चों की कमियों को दूर कराने का प्रयास होगा। -राज कुमार, डीईओ अररिया
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