पूर्णिया में आरटी पीसीआर मशीन उपलब्ध, मरीज अब भी जांच की सुविधा से वंचित

पूर्णिया। कोरोना के संदिग्धों को आरटी पीसीआर जांच रिपोर्ट के लिए दस-दस दिनों का इंतजार करना पड़ता है। जिले में अभी एंटीजन टेस्ट और ट्रुनेट जांच की सुविधा ही उपलब्ध है। जो तुरंत दे दिया जाता है लेकिन दरभंगा लैब से रिपोर्ट में हो रही देरी के कारण संदिग्ध मरीज को काफी परेशानी हो रही है। 4 हजार से अधिक जांच रिपोर्ट अभी जिले में पेंडिग हैं। विशेषज्ञ के मुताबिक कभी-कभी एंटीजन टेस्ट से कोई रोगी के तमाम लक्षण रहने के बाद भी पुष्टि नहीं हो पाती है। ऐसे में उनका आरटी पीसीआर टेस्ट कराना पड़ता है। आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए सैंपल कलेक्शन कर दरभंगा लैब में भेजना पड़ता है। वहां अन्य जिलों का भी काफी दबाव है। इस कारण अब रिपोर्ट आने में काफी देरी हो रही है। रिपोर्ट मिलने में दस दिनों तक वक्त लगने लगा है। ऐसे में कभी -कभी मरीज ठीक हो जाता है तब उसकी जांच रिपोर्ट मिलती है। स्टाफ बताते हैं कि आरटी पीसीआर के लिए जांच सैंपल को दरभंगा भेजा जाता है। मरीज में लक्षण को देखते हुए रिपोर्ट आने तक आईसोलेशन में रखा जाता है और आवश्यकता होती है कोविड केयर सेंटर में भी भर्ती की जाती है। अब रिपोर्ट आने में इतनी देर हो रही है तबतक मरीज ठीक हो जाते हैं। अब नए गाइडलाइन के कारण दस दिनों में मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है। ऐसे रिपोर्ट में आने के बाद सक्रिय मरीज में डेटा ऑपलोड होता है और दूसरे दिन रिकोवर दिखा दिया जाता है। इस कारण से सही मरीज की संख्या कभी मालूम ही नहीं हो पाती है। अभी जिले में पेंडिग संदिग्धों की रिपोर्ट 4185 है। इससे ही यह बात साफ हो जाती है। इसमें अगर पांच सौ मरीज भी पॉजिटिव हुए तो उसकी रिपोर्ट आने तक मरीज ठीक हो जाते हैं। प्रोटोकॉल के मुताबिक ऐसे मरीज को जिनका सैंपल कलेक्शन किया गया है आईसोलेशन में होते हैं। ऐसे में बिना किसी कारण बड़ी संख्या में मरीज को आईसोलेशन में रखे हुए हैं। आरटी पीसीआर में पॉजिटिव दर अधिक है।इसका कारण गंभीर मरीज का सैंपल ही आरटी पीसीआर के लिए भेजा जाता है।


क्या है समस्या -:
रिपोर्ट में हो रही देरी को देखते हुए आरटी पीसीआर मशीन को सदर अस्पताल में इंस्टॉल कर दिया गया है। मशीन मिलने के बाद भी अबतक जांच की सुविधा जिलावासियों को नहीं मिल रही है। यहां प्रारंभ होने से एक दिन में एक हजार मरीज की जांच रिपोर्ट दी जा सकती है। इससे आसपास के जिले के मरीजों को भी लाभ होगा और दरभंगा लैब में दबाव भी घटेगा। प्रक्रिया में हो रही लेट लतीफी के कारण इसका संचालन अभी तक नहीं किया गया है। इसके साथ ही माइक्रो बायोलॉजिस्ट और पैथोलॉजिस्ट की नियुक्ति अबतक नहीं की गई है। हालांकि दो स्टाफ लैब के लिए नियुक्त हुए लेकिन माइक्रोबाइलॉजिस्ट के बिना इसका संचालन नहीं हो सकता है। कंपनी ने मशीन लगा दिया है लेकिन विभागीय प्रक्रियागत देरी के कारण मरीजों को अबतक लाभ नहीं मिल पा रहा है। अबतक जिले में पांच लाख 51 हजार 943 संदिग्धों की जांच हो चुकी है। इसमें 8 हजार 814 पॉजिटिव मिले। 13 सक्रिय मरीज हैं। 31 लोगों की मौत हो चुकी है।
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