लीड: अपराधिक घटनाओं पर शहर में सक्रिय रहती पुलिस तो नहीं होती दवा व्यवसायी की हत्या

फोटो नंबर 31 एआरआर 31 से 33 तक

- शहर में लूट जैसी संगीन घटनाओं को भी हल्के में लेती रही है पुलिस।
- अपराधिक घटना के बाद पीड़ित के फोन करने पर थाना आने को कहती है पुलिस।
- पुलिस मैनुअल के विपरीत पुलिस के व्यवहार को लेकर की पीड़ित नही जाते हैं थाना
संवाद सूत्र, फारबिसगंज(अररिया): फारबिसगंज में पिछले कुछ दिनों से ताबड़तोड़ हो रही अपराधिक घटनाओं के बाद पुलिस के कार्यशैली पर लोगों का विश्वास उठता जा रहा है। हत्या जैसी संगीन घटनाएं शहर में घटने के बाद जहां शहर के लोग प्रशासन को कोस रहे हैं। वही दवा व्यवसायी के हत्या के चौथे दिन भी पुलिस के हाथ खाली है। लोगों का कहना है कि घटना के बाद पुलिस सिर्फ कोरम पूरा करने का ही काम करती है। शहर में हो रही लगातार लूट, छिनतई, बाइक की डिक्की से रुपए चोरी आदि की घटना को पुलिस अगर सक्रियता से लेती तो शायद ही हत्या जैसी संगीन अपराध की घटना शहर में नही होती। लोगों का कहना है कि अपराधी लगातार घटना को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती देते रहें और पुलिस घटना के बाद उसे ठंडे बस्ते में डालकर कोरम पूरा करती रही। दवा व्यवसायी की हत्या से एक दिन पहले सुपौल एवं मधेपुरा के कुख्यात चार अपराधी हथियार के साथ फारबिसगंज में पकड़े गए लेकिन पुलिस उसकी मंशा को उजागर करने में नाकाम रही। 22 दिसम्बर को डीएसपी आवास के हीं पीछे पंचमुखी मन्दिर के समीप दिनदहाड़े एक बाइक पर सवार तीन अज्ञात अपराधियों ने हथियार के बल पर बंधन बैंक कर्मी प्रवीण कुमार से 3725 रुपया पिस्टल सटाकर लूट लिया। पुलिस अपने चाल में तहकीकात करती रही और 24 दिसम्बर को पुन: दिनदहाड़े बैंक से रुपए निकाल कर घर लौट रहे एक किराना व्यवसायी मो. कफील से भागकोहलिया कस्टम ऑफिस के समीप सड़क मार्ग पर बाइक सवार दो अज्ञात अपराधी 3 लाख रुपये लूट कर भाग गए। पीड़ित व्यवसायी ने अपने बाइक से अपराधियों का पीछा भी किया गया लेकिन अपराधी भागने में सफल रहे। उसी दिन सदर रोड में बैंक से रुपया निकालकर घर जा रहे बारा मानिकपुर निवासी किसान ललन राम का डिक्की तोड़कर अज्ञात चोरों ने 50 हजार रुपया चोरी कर लिया। पुलिस अपराधियों की तालाश में और दवा व्यवसायी की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दिया गया। इनसेट
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पुलिस मैनुअल से विपरीत आम जनों से पुलिस का व्यवहार।
घटना के बाद जहां पीड़ित, लाचार व बेबस नजर से पुलिस से उम्मीद रखते हैं। वही पुलिस मैनुअल से विपरीत आम जनों से पुलिस का व्यवहार होना बताया जाता है। कई घटनाओं में पीड़ित ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पुलिस इतने प्रकार के सवाल जवाब करती है कि ऐसा लगता है पुलिस को घटना की जानकारी देकर ही उससे गुनाह हो गया है। पिछले दिनों बाइक की डिक्की चोरी में अपने रुपया गंवा चुके पीड़ित ने बताया कि जब उसने पुलिस को घटनास्थल से फोन कर जानकारी दी तो पहले उसे कहा कि डिक्की में रुपये रखकर सो जाते हो क्या। जो भी हुआ है थाना आकर आवेदन में लिख कर दो। ऐसे में सहज ही इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि घटना के बाद पीड़ित किस प्रकार से अपने आप को कोस रहे होंगे। कोट
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फारबिसगंज में दवा व्यवसायी और हरिपुर में जमीनी विवाद में किसान की हत्या की घटनाएं हुई है दोनो घटना हृदयविदारक है। शहर में बढ़ते हुए अपराध कहीं न कहीं पुलिस की नाकामी को दर्शाता है। मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री एवं डीजीपी को अवगत कराया है। पुलिस पदाधिकारी अगर अपराध रोकने में सक्षम नही है तो वह ऐसे पदाधिकारी पर चुप नही बैठने वाले है।
विद्या सागर केशरी
विधायक फारबिसगंज।
कोट
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फारबिसगंज में लगातार हो रही अपराध की घटना को लेकर उन्होंने आइजी से बात की है। दवा व्यवसायी व हरिपुर में हुई किसान की हत्या पर आइजी ने तीन दिनों का मोहलत मांगा है। थानाध्यक्ष को तीन दिनों के अंदर रिजल्ट देने को आइजी ने कहा है। नही तो उन्होंने कार्रवाई की बात कही है।
प्रदीप कुमार सिंह
सांसद अररिया।
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