नौ माह विद्यालय खुलने के बाद भी छात्रों की उपस्थिति रही नगण्य



संसू,कुर्साकांटा (अररिया): कोरोना वायरस को लेकर नौ माह बाद सरकारी निर्देश के आलोक में चार जनवरी से विद्यालय में पठन पाठन प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया। लेकिन सोमवार को पहले दिन प्रखंड क्षेत्र के सभी उच्च विद्यालयों में छात्रों की संख्या नगण्य रही। प्रावधानों पर अमल करते हुये उच्च व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को जारी नियम शर्तों के साथ खोलने का निर्देश विद्यालयों को दी गई। लेकिन सोमवार को प्रखंड क्षेत्र के अमूमन सभी उत्क्रमित उच्च विद्यालय व प्लस टू उच्च विद्यालय खुले तो जरूर लेकिन छात्रों की संख्या अमूमन शून्य ही रही। वहीं शिक्षकों की बात करें तो विद्यालय खुलने व बंद होने की समयसारणी भी नियमानुकूल नही रही। पूछने पर प्लस टू उच्च विद्यालय कुर्साकांटा के प्रभारी प्रधान अध्यापक बिरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि निर्देश के तहत विद्यालय तो ससमय खुली लेकिन छात्रों की संख्या शून्य रही। उन्होंने बताया कि जारी निर्देश के तहत विद्यालय को सैनिटाइज किया जा रहा है। वहीं छात्रों को मास्क लगाना है जिसकी उपलब्धता जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि छात्रों को भी सूचित किया जा रहा है। वहीं प्रखंड क्षेत्र के प्लस टू उच्च विद्यालय कुआडी, महर्षि मेंहीं कन्या प्रोजेक्ट प्लस टू उच्च विद्यालय पहुंसी, उत्क्रमित उच्च विद्यालय मधुबनी, उत्क्रमित मध्य सह माध्यमिक विद्यालय कपरफोड़ा, उत्क्रमित मध्य सह माध्यमिक विद्यालय सोनामनी गोदाम, उत्क्रमित मध्य सह माध्यमिक विद्यालय घाट चिकनी, उत्क्रमित मध्य सह माध्यमिक विद्यालय हलधारा समेत अन्य विद्यालयों में छात्र की संख्या जहां शून्य रही तो वहीं शिक्षकों की संख्या भी पदस्थापित शिक्षकों की संख्या से कम ही रही । हालांकि पूर्व में जब यह घोषणा हुई कि चार जनवरी से विद्यालय खुलेगा तो छात्रों में एक उम्मीद जरूर जगी थी कि सबकुछ ठीकठाक रहेगा। इसके साथ ही लगभग 10 माह से बंद विद्यालयों में पठन पाठन सुचारू रूप से संचालित हो सकेगा। लेकिन विद्यालय तो खुला लेकिन सूचना के अभाव कहें या फिर शिक्षकों द्वारा छात्रों के साथ दूरी का परिणाम ही रहा जो दस माह बाद विद्यालय खुलने के बावजूद छात्र विद्यालय नहीं पहुंचे। लेकिन इसके इतर सोमवार से विद्यालय खुलने की जानकारी से उम्मीद थी कि छात्र विद्यालय पहुंचेंगे। लेकिन चर्चा जोरों पर रही कि पूर्व से भी कोरोना वायरस को लेकर शिक्षकों को विद्यालय में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया था। लेकिन शिक्षक हैं कि जारी निर्देश के प्रतिकूल कभी कभार विद्यालय पहुंचकर अपने तरीके से उपस्थिति पंजी में उपस्थिति जरूर दर्ज करते रहे।
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