विद्यालय प्रबंध समिति का गठन नहीं होने से रात्रि प्रहरी की बहाली में फंसा पेंच

बिहारशरीफ। कोरोना काल के दौरान सरकारी हाइस्कूलों के बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए जिले के तमाम हाईस्कूल व उत्क्रमित विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस की शुरूआत की गई थी। शिक्षा विभाग ने इसके लिए तमाम उच्च व उत्क्रमित विद्यालयों में एलइडी के साथ इंवर्टर, बैट्री के अलावा पूरे संसाधन उपलब्ध कराए गए थे। हर विद्यालयों में टीवी सेट लगाने के लिए 90-90 हजार रुपये तमाम 287 विद्यालयों को दिए गए थे। टीवी व उसके साथ लगाए गए उपकरण की सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी ने हर विद्यालय में पांच हजार रुपये मानदेय पर एक सुरक्षा प्रहरी की बहाली करने का आदेश दिया गया था। लेकिन, विभाग के आदेश के बावजूद अब तक दो दर्जन विद्यालयों में ही सुरक्षा प्रहरी की बहाली हो सकी है। शेष में विद्यालय प्रबंध समिति का गठन नहीं होने से मामला फंसा है। सुरक्षा प्रहरी के नहीं रहने के कारण अब तक एक दर्जन विद्यालयों में लगे टीवी सेट के साथ सारा उपकरण की चोरी हो गई है। सबसे बडी हैरत की बात यह है कि इस मामले में पुलिस अब तक एक भी मामले का पर्दाफाश नहीं कर पाई है।


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हाइस्कूलों को विद्यालय प्रबंध समिति से देनी है बहाली की अनुमति
जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि हाइस्कलों में रात्रि प्रहरी की बहाली के लिए विद्यालय प्रबंध समिति का गठन किया गया है। जिसके अध्यक्ष स्थानीय विधायक होते हैं। उनके अनुमोदन के बाद ही रात्रि प्रहरी की बहाली होनी है। कुछ विधायक ने तो अनुमति दे दी उसके बाद बहाली कर दी गई है लेकिन शेष विद्यालयों में अभी तक अनुमति नहीं मिली है इस कारण यह मामला अटका है। उन्होंने बताया कि उत्क्रमित विद्यालयों में बहाल किए गए रात्रि प्रहरी को 5 हजार का मानदेय सर्वशिक्षा अभियान की ओर से किया जाना है। जबकि उच्च विद्यालयों के प्रहरी का मानदेय विद्यालय प्रबंध समिति से करनी है।
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टीवी की सुरक्षा को विद्यालय प्रधान के पास नहीं है कोई उपाय
शिक्षा विभाग के पदाधिकारी की मानें तो विद्यालयों में लगे टीवी सेट की सुरक्षा का पूरा जिम्मा प्रधानाध्यापक को दिया गया है। लेकिन, एचएम के पास इसकी सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं है। प्राधानाध्यपकों का कहना है कि विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष सह विधायक के पास जब भी सुरक्षा प्रहरी की बहाली के लिए फाइल भेजा गया तो वे व्यस्तता के कारण अनुमोदित नहीं कर पाए इस कारण यह मामला अटका हुआ है।
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