रबी फसल में नहीं हो रहा विकास, बदले मौसम से जगी आस

लखीसराय। पीरी बाजार और आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार संध्या से अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। मंगलवार एवं बुधवार को दिनभर बादल छाए रहे। कभी-कभी बूंदाबांदी भी हो रही थी। इसे देख मायूस हो रहे किसानों में थोड़ी फसलों से आस जगी है। चना पैदावार के लिए अभयपुर टाल मसहूर है। यहां बड़े पैमाने पर चना सहित अन्य दलहन के अलावा गेंहू, सरसों इत्यादि की खेती की जाती है। टाल क्षेत्र से ससमय जल निकासी नहीं होने के कारण जहां बोआई विलंब से हुई वहीं मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण फसल में वृद्धि के साथ-साथ विकास नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसानों के चेहरे पर मायूसी है। लेकिन बारिश की संभावना देख किसानों में थोड़ी आस जगी है। अभयपुर निवासी किसान सुरेन्द्र कुमार सिंह, राजीव कुमार, रंजीत यादव ने बताया कि इस बार फसल में अन्य साल की अपेक्षा वृद्धि कम देखी जा रही है। इसके पीछे का कारण यह है कि इस बार बोआई विलंब से होने के साथ-साथ कुहासा एवं शीतलहर का प्रभाव भी कम रहा। शीतलहर से पौधे को पर्याप्त नमी मिलने के साथ मिट्टी की नमी लंबे समय तक बरकरार रहती थी। इस बार मिट्टी में पर्याप्त नमीं नहीं रह गई है। इस कारण पौधा विकास नहीं कर पा रहा है। वैसे में हल्की बारिश फसल के लिए बहुत लाभकारी होगा। इस संबंध में कृषि महाविद्यालय सबौर से सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. उमेश प्रसाद सिंह ने बताया कि इस मौसम में बारिश लाभ के साथ-साथ नुकसान भी पहुंचा सकती है। क्योंकि वर्तमान में सरसों के फसल में फूल लगे हैं। बारिश से सरसों का फूल झड़ सकता है। इसका असर उसके पैदावार पर भी पर सकता है। वहीं बारिश के बाद ठंड एवं कीट का भी प्रभाव फसल पर बढ़ जाएगा। ऐसे में हालात में किसानों को फसलों पर इनसेक्टीसाइड दवा का छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव के वक्त पंद्रह लीटर पानी में हल्की मात्रा में लगभग पांच से दस ग्राम के बीच यूरिया का प्रयोग बेहतर परिणाम दे सकता है।


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