अररिया में बर्ड फ्लू का नहीं मिला एक भी केस, मंडरा रहा खतरा

- स्वास्थ्य व पशुपालन विभाग से नहीं जारी हुई कोई गाइडलाइन

- सतर्क व सावधान रहने की है जरूरत, जानलेवा है बर्ड फ्लू
- संक्रमित पक्षियों के संपर्क से फैलता बर्ड फ्लू
जागरण संवाददाता, अररिया : कुछ राज्यों में बर्ड फ्लू केस सामने आने के बाद
जिले में भी इस बीमारी का खतरा मंडराने लगा है। यहां बड़े पैमाने पर
लोग मुर्गी, बत्तख आदि पालन करते हैं। हालांकि स्वास्थ्य व पशुपालन
विभाग द्वारा इस तरह के कोई गाइडलाइन जारी नहीं किया गया है।
जानकार बताते हैं कि बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस एच फाइव ऐन वन की
वजह से होता है। ये एक वायरल इंफेक्शन है जो संक्रमित पक्षियों के संपर्क में
आने वाले अन्य पक्षियों, जानवरों और फिर इंसानों में फैलता है।
अबतक नहीं मिले एक भी केस:
जिला पशुपालन पदाधिकारी फिरोज अख्तर ने बताया कि जिले में अबतक बर्ड
फ्लू के भी मामले सामने नहीं आए हैं। पूर्व में दूसरे जिले में इस बर्ड फ्लू का केस
मिलने के बाद जिले को अलर्ट किया गया था। लेकिन वर्तमान समय में विभागीय
स्तर पर किसी तरह का दिशा निर्देश नहीं मिला है। बर्ड फ्लू के मामले आने पर
सबसे पहले पक्षियों के ट्रांसपोर्टेशन पर रोक लगा दी जाती है। लोगों को पक्षियों के संपर्क से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
क्या है बर्ड फ्लू : पशु चिकित्सक ने कहा कि बर्ड फ्लू कई तरह के होते हैं लेकिन एच फाइव ऐन वन पहला ऐसा एवियन
इन्फ्लूएंजा वायरस है जो इंसानों को संक्रमित करता है। बर्ड फ्लू प्रवासी जलीय पक्षियों खासतौर से जंगली बतख से प्राकृतिक रूप से फैलता है। पालतू मुर्गियों में आसानी से फैल जाता है। बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्त्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाली
पानी के संपर्क में आने से होती है।
कोट -
बर्ड फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग से किसी तरह का गाइडलाइन जारी नहीं किया गया है।
इस बीमारी से संबंधित अबतक एक भी मामले सामने नहीं आया है। यदि विभागीय स्तर पर कोई गाइडलाइन जारी होगा तो गाइडलाइन का शतप्रतिशत पालन कराया जाएगा।
डा. रूप नारायण कुमार, सिवल सर्जन अररिया।
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