पर्यटनस्थल के विकास को लेकर बन रही कार्ययोजना

मोतिहारी। जिले में पर्यटक स्थल के रूप में चिन्हित स्थलों के विकास के साथ नए संभावनाओं पर भी काम चल रहा है। जिले में सोमेश्वर धाम अरेराज, केसरधाम केसरिया व बौध स्तूप केसरिया के विकास के लिए पहले से ही योजनाएं चल रही है। नए साल में इसमें और गति देने की दिशा में सरकारी स्तर प्रयास तेज किया गया है। बौध स्तूप पर कई कार्य अधूरे हैं, जिसे न साल में पूरा होने की उम्मीद है। पीपरा के सीताकुंड धाम को भी सजाने व संवारने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए गए हैं। इस स्थल पर पौराणिक काल से मौजूद कुंड के जीर्णोद्वार नए साल में होने की उम्मीद लोगों को है। साथ ही इस स्थल को हराभरा करने के लिए वन विभाग भी सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। यहां अशोक के हजारों पौधे लगाने की योजना है। नए साल में यह कार्य इस स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम होगा। इसके अलावा अरेराज में वाल्मिकी आश्रम भी अब गुमनामी से बाहर निकलने वाला है। जिलाधिकारी ने इस स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार को पत्र भेजा है। यहां स्थानीय स्तर पर विकास के कार्य प्रारंभ भी किए गए हैं। पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होने के बाद इस स्थल का महत्व और बढ़ जाएगा। साथ ही यहां लोग दर्शन व पूजन के लिए बाहर से भी आने लगेंगे। शहर में स्थित गांधी संग्रहालय में वैसे तो कई प्रकार के विकास कार्य हाल के वर्षों में किए गए हैं। नए साल में यहां बने भवन को सुचारू रूप से चालू कराने की दिशा में पहल की जा सकती है। वर्जन : वाल्मिकी आश्रम को रामायण सर्किट से जेाड़ने व पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग को पत्र भेजा गया है। इस स्थल पर मनरेगा से स्थानीय स्तर पर काम भी कराया जा रहा है।


शीर्षत कपिल अशोक, जिलाधिकारी, पूर्वी चंपारण
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