डेढ़ दशक से फरार चल रहे हैं डीएसपी इरशाद अहमद

खगड़िया। करीब डेढ़ दशक से एक मामले में खगड़िया के तत्कालीन डीएसपी इरशाद अहमद

फरार चल रहे हैं। खगड़िया के न्यायिक दंडाधिकारी सिम्मी कुजूर के कोर्ट में दर्जनों बार तारीख मुकर्रर की गई मगर डीएसपी हाजिर नहीं हुए। उक्त कोर्ट द्वारा 10 साल पहले 29 सितंबर 2010 को फरार डीएसपी के अनुपस्थित रहने पर एनबीडब्लयृ वारंट निर्गत करने के बाद इश्तेहार तामिला का आदेश पारित किया गया। आठ दिसंबर 2010 को फिर एनबीडब्लयू वारंट व इश्तेहार तामिला अप्राप्त रहा। 2012 तक एनबीडब्लयू वारंट व इश्तेहार का तामिला अप्राप्त रहा। उक्त कोर्ट द्वारा 13 जून 2012 को डीएसपी के खिलाफ कुर्की-जब्ती वारंट जारी किया गया। उसके बाद तारीख दर तारीख कोर्ट द्वारा मुकर्रर की जा रही है मगर फरार डीएसपी न तो हाजिर हुए न ही अब तक उनका कोई अता-पता चल पाया है। सूत्रों का कहना है कि झारखंड बनने के बाद उक्त डीएसपी अपना तबादला बिहार से झारखंड में करवा लिए थे। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में फिर कोर्ट द्वारा 16 जनवरी 2021 की तारीख मुकर्रर की गई है। क्या है मामला

खगड़िया की शशि किरण यादव द्वारा कोर्ट में 467सी-2004 दायर कर आरोप लगाया गया कि डीएसपी इरशाद अहमद व अन्य मिलकर 15 जुलाई 2004 गुरुवार को मेरे घर आए और मारपीट की। डीएसपी गाली- गलौज करते हुए घर के सामान को इधर-उधर फेंकने लगे। घर में रखे बक्सा का ताला तोड़कर पांच भर सोने के जेबरात और नगदी साथ लेते चले गए। मालूम हो कि उस समय तत्कालीन डीएसपी इरशाद अहमद लगातार विवाद में रहे थे और उनपर बराबर पक्षपात का आरोप भी लग रहा था। ''मामला काफी पुराना है। इस मामले में उन्हें कुछ पता नहीं है। पता किया जाएगा कि मामला क्या है।
अमितेश कुमार, एसपी, खगड़िया।
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