आवश्यक: कृषि कार्यालय के कर्मी ने विभाग को 5.72 लाख की लगाई चपत

- 11 साल पहले सरकारी खजाने से हुई थी निकासी, किसी को नहीं थी भनक

- तीन साल कार्यालय से बिना सूचना के गायब हैं आरोपित
- विभाग ने दिया क्षेत्र सहायक पर केस दर्ज करने का आदेश
- वर्ष 2009-10 में 5.72 लाख का हुआ था गबन
जागरण संवाददाता, अररिया : एक बार फिर जिला कृषि कार्यालय सुर्खियों में है। अनुमंडल कृषि कार्यालय में क्षेत्र सहायक संतोष प्रकाश ने सरकारी खजाने से पांच लाख 72 हजार 449 रुपये का चपत लगा दिया। जिसका हिसाब 11 साल बाद भी विभाग को नहीं दिया है। वह पिछले तीन साल से बिना सूचना के कार्यालय से गायब हैं। नए अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के पद भार ग्रहण करने के बाद मामला सुºियों में आया। अब विभाग आरोपित के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है। विभाग ने अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को आरोपित के खिलाफ थाना में केस दर्ज कराने का आदेश दिया है।
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-वर्ष 2009-10 में हुई थी निकासी :
जानकारी के अनुसार अनुमंडल कृषि कार्यालय में कार्यरत संतोष
प्रकाश वर्ष 2009-10 में बीज उत्पादन अनुदान मद की पांच लाख 72 हजार 449 रुपये सरकारी खजाने से निकाल लिया। 11 साल बीत गए। इस दौरान कई अधिकारी आए और गए परंतु किसी ने आरोपित पर शिकंजा नहीं कसा। नये अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राम कुमार ने अभिलेखों का अवलोकन किया तो लाखों का घोटाला सामने आया। इसके बाद उन्होंने विभाग को जानकारी दी।
तीन साल से कार्यालय से गायब है आरोपित :
आरोपित क्षेत्र सहायक वर्ष 2017 से अनुमंडल कृषि कार्यालय से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं। अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राम कुमार ने बताया कि संतोष प्रकाश वर्ष 2017 से कार्यालय नहीं आ रहे हैं और नहीं उसने कार्यालय नहीं आने की कोई सूचना दिया है। कहा कि आरोपित को पहले भी राशि जमा करने का आदेश दिया गया था। पहले तो वह अदेश पत्र लेने से भी इंकार कर रहा था।
- समीक्षा बैठक में मिला निर्देश:
बताया कि बीते चार जनवरी को पटना में विभागीय समीक्षा बैठक
हुई थी, जिसमें यह बात सामने आई थी कि 11साल पहले क्षेत्र सहायक संतोष प्रकाश अवैध तरीके से सरकारी राशि का गबन किया था, जो अबतक विभाग को नहीं लौटाया है। इसके बाद अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को आरोपित के विरुद्ध केस दर्ज कर राशि वसूली कराने का आदेश दिया गया।
- कृषि कार्यालय में पहले भी हुआ घोटाला:
जिला कृषि कार्यालय में पहले भी कई अनियमितता व अधिकारी व कर्मियों की मनमानी उजागर हुई थी। एक साल पहले पूर्व डीएओ मनोज कुमार ने बैरगाछी ओपी क्षेत्र के मैनापुर चौक के समीप अपने पद का धौंस देते हुए ड्यूटी पर तैनात चौकीदार से उठक बैठक कराया था। यह मामला मीडिया व सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियों में रहा था। पूर्व डीएओ के विरुद्ध नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। वर्ष 2017 में जिला कृषि कार्यालय में कृषि यंत्र खरीदारी मामले में करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ था। तत्कालीन डीएम हिमांशु शर्मा के आदेश पर तीन दर्जन से अधिक आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसके आलावे आए दिन जिला कृषि कार्यालय में रिश्वत लेने की खबर मिलती रही है।
कोट -
राशि वसूली की प्रक्रिया चल रही है। आरोपित को चेतावनी दी गई है। वर्ष 2017 से आरोपी क्षेत्र सहायक बिना सूचना के कार्यालय से अनुपस्थित है। विभाग से आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कराने का आदेश मिला है। जिसकी प्रक्रिया चल रही है।
राम कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अररिया।
कोट - कोई राशि गबन नहीं हुआ है। एसीडीसी बिल का मामला है। एक-दो दिनों में विभाग को राशि का हिसाब दे दिया जाएगा। मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है।
संतोष कुमार, क्षेत्र सहायक अनुमंडल कृषि कार्यालय अररिया।
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