सभी दुकानों ने धड़ल्ले से उपयोग की जा रही प्रतिबंधित पॉलीथिन

पूर्णिया। बिहार सरकार के आदेशानुसार 40 माईक्रान से कम मोटाई वाली अमानक पॉलीथिन पर प्रतिबंध तो लगा दिया गया है। लेकिन शहर की अधिकांश दुकानों में इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। पूर्णिया नगर निगम के अधिकारी से लेकर कर्मचारी भी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं उत्तरी बिहार की सबसे बड़ी गुलाबबाग मंडी के मुख्य द्वार से लेकर मंडी के अंदर में अभी भी दर्जनों थोक व्यापारी प्रतिदिन दस क्विटल अमानक पॉलीथिन का विक्रय कर रहे हैं। पर नगर निगम के अधिकारी झांककर नहीं देख रहे हैं। यहां तक की नगर निगम भी शहर को स्वच्छ करने के बजाय इसका खजाना खाली करने में ज्यादा विश्वास कर रहा है। इसके चलते बाजार में लोग खुलेआम उपयोग हो रहा हैं। अमानक पॉलीथिन के अंधाधुंध उपयोग के चलते शहर के पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। और पशुओं की जान भी जा रही है। जागरुकता के अभाव में पॉलीथिन का उपयोग बंद नहीं हो पा रहा है। दुकानों पर भी धड़ल्ले से पॉलीथिन में सामग्री बेची जा रही है। नगर निगम ने पॉलीथिन बिक्री और इसके उपयोग करने पर रोक लगाने के लिए नाम मात्र की मुहिम चलाई थी जो कई माह से बंद ही है अब तो मंडी के दुकानदार जो पूर्व में चोरी चुपके पॉलीथिन बेचा करता था आज वही दुकानदार खुलेआम बेचा करता है वह भी इक्का-दुक्का नहीं दर्जनों से अधिक थोक व्यापारी है 40 माइक्रोन से कम मोटाई वाली अमानक पॉलीथिन को जिले भर में बेची जा रही है पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के बाद नगर निगम ने कुछ माह तक पहले जोरशोर से अभियान की शुरूआत भी की थी लेकिन बाद में यह मुहिम ठंडी पड़कर बंद हो गई इसके कारण अब फिर बाजार में पहले जैसी स्थिति निर्मित हो गई है और धड़ल्ले से दुकानों पर पॉलीथिन बिक रही है शहर में फुटकर दुकानदार, सब्जी विक्रेता और होटल व्यवसायी भी पॉलीथिन में सामान बेच रहे हैं प्रतिबंध के आदेशों का पालन कराने में भी कोई रुचि नहीं ले रहा है। इस कारण आज भी खतरे वाले प्लास्टिक कैरी बेगों का उपयोग हो रहा है विक्रेता खाद्य एवं अन्य सामग्री पॉलीथिन बेग में भरकर बेच रहे हैं। लोग पॉलीथिन में खराब सामग्री या कचरा भरकर फेंक रहे हैं कारण 40 माइक्रान से कम मोटाई वाले पॉलीथिन कैरी बेग को हानिकारक मानते हुए प्रतिबंधित किया गया था पॉलीथिन की थैलियों में किराना, सब्जी सहित अन्य वस्तुओं को बेचा जा रहा है। इससे पूर्णिया नगर निगम के स्वच्छता अभियान पर भी असर पड़ रहा है।


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