22 दिन बाद राजधानी से साइकिल से घर लौटे रामायण का हुआ स्वागत

डोरीगंज। छपरा से साइकिल से देश की राजधानी दिल्ली तक जाकर पंचायत की योजनाओं विशेषकर पीडीएस में भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले रामायण प्रसाद चौरसिया 22 दिन बाद जब घर लौटे तो भैरोपुर निजामत स्थित उनके गांव में उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान जहां रामायण को गांव वालों ने फूल-मालाओं से लाद दिया। वहीं ढोल नगाड़े बजाकर उनका अभिनंदन किया। रामायण ने लौटते ही सबसे पहले गांव के दुर्गा मंदिर में मत्था टेका। उन्होंने गांव वालों से कहा कि पीएमओ ने उनकी शिकायत ध्यान से सुनी है और पूरी उम्मीद है कि अब भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं है। इसके बाद रामायण को प्रधानमंत्री के संयुक्त सचिव ने अपने पास बुलाया और बताया कि प्रधानमंत्री उनसे जरूर मिलते लेकिन अभी कोरोना के चलते मुलाकात की प्रक्रिया अवरुद्ध है। संयुक्त सचिव ने रामायण से उनका शिकायती पत्र लिया और मौखिक रूप से भी उनकी पूरी बात सुनी। संयुक्त सचिव ने आश्वासन दिया कि प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद पीएमओ कार्यालय से उनके शिकायती पत्र की रिसीविग भी दी गई। पुन: रामायण साइकिल से ही दिल्ली से छपरा के लिए वापस आए।


बता दें कि सारण जिले में डीलरों की मनमानी के कारण अधिकतर लोग परेशान हैं। धांधली के कारण कई पर कार्रवाई भी हुई है लेकिन हालात नहीं सुधर रहे। सदर प्रखंड के भैरोपुर निजामत पंचायत के रहने वाले समाजसेवी रामायण प्रसाद चौरसिया ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई लेकिन उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती ही साबित हुई और पंचायत से लेकर जिले तक के अधिकारियों ने उनकी शिकायतों पर संज्ञान नहीं लिया। रामायण ने ठान लिया कि अब वे स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और पंचायत में विभिन्न योजनाओं में फैले भ्रष्टाचार की शिकायत करेंगे। जिसके बाद वे साइकिल से दिल्ली पहुंच गए।
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