मकर संक्रांति आज, तिल व तिलकुट से सजा बाजार

संसू, रेणुग्राम(अररिया): श्रद्धा व आस्था का पर्व तिला संक्रांति मकर संक्रांति आज मनाया जायेगा। धार्मिक मान्यताओं के अलावा वैज्ञानिक ²ष्टकोण से अति महत्वूर्ण तिला संक्रांति के पर्व को लेकर हर तरफ उमंग व उत्साह का माहौल व्याप्त है। बाजार तिल व तिलकुट से सतज गया है। धर्म, कर्म एवं स्वास्थ्य की ²ष्टिकोण से भी इस पर्व को अति लाभकारी माना जाता है। मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान और दान करना बेहद श्रेष्ठ माना गया है। इसका विशेष महत्व होने के कारण इस दिन लोग गंगा स्नान को जाते है। इस कारण आसपास के क्षेत्रों से लोग गंगा, यमुना, सरस्वती के संगम स्थल प्रयाग तो कुछ अति प्रसिद्ध गंगा सागर के लिये कुछ दिन पूर्व ही निकल चुके है। कुछ लोग बरारी, बटेशपुर, मनिहारी, कोशी तो कुछ लोग आसपास के पवित्र नदियों में ही गोते लगायेगे।हालांकि कोरोना के कारण ट्रेन व बस आदि की सुविधा में कमी के चलते इस वार बाहर स्नान हेतु जाने बालों की संख्या में कमी देखी गई है। कड़ाके की ठंड के बावजूद लोग मकर संक्रांति पर दही, चूड़ा, गुड़,तिलकुट लाई,घी, खिचड़ी आदि का भोजन से पूर्व घर के बड़े,बूढ़े व बुजुर्गो द्वारा तिल, अरवा चावल, केला, दही, गुड़ मिश्रित प्रसाद के रूप में तिले - तिले बोह देने के लिये दिया जायेगा। यह प्रथा मिथिलांचल में काफी प्रचलित है। यूं तो यह पर्व प्राय: 14 जनवरी को मनाया जाता है पर कभी इसमें बदलाव हो जाता है। इस वार मकर संक्रांति 14 जनवरी को है। खगोशास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उतरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करता है। इस राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। बुर्जुगों के अनुसार इस दिन सुबह स्नान कर पूजा पाठ कर खिचड़ी का सेवन उत्तम माना गया है। इसलिये इसे खिचड़ी पर्व भी कहा जाता है।वही दूसरी और पर्व को लेकर हाट, बाजारों में तिलकुट सहिया अन्य खाद्य सामग्रियों की खरीदारी को लेकर भीड़ जुटी रही।

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