कोसी में बांझपन के शिकार हो रहे दुधारु पशु (जागरण विशेष)

जागरण संवाददाता, सुपौल: कोसी में दुधारु पशु बांझपन के शिकार हो रहे हैं। देसी पशुओं का पालन कम होने से यह समस्या आ रही है। अधिक दूध के लिए लोग अब संकर नस्ल के मवेशी पालते हैं। संकर नस्ल की मवेशी को अनुकूल वातावरण नहीं मिल रहा जिससे बांझपन की समस्या आती है। बढ़ती जनसंख्या के अनुपात में बढ़ रहे दूध के मांगों की पूर्ति या फिर पशुपालकों द्वारा अधिक दूध की चाहत में जहां एक तरफ देसी गाय का पालन हाशिये पर है वहीं संकर नस्लों के गाय लोगों के लिए पहली पसंद बन गई है। संकर नस्लों के गायों के बांझपन की समस्या पशुपालकों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। इन गायों के लिए जहां कोसी की जलवायु फिट नहीं बैठ रही है, वहीं कई ऐसे कारण भी हैं, जो बांझपन का कारण बन रहे हैं।

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जर्सी व फ्रीजियन गायों को पालने की मची है होड़
जिले में पशुपालक दूध की चाहत में जर्सी व फ्रीजियन गायों को पालना ही अधिक पसंद करते हैं। इनकी बांझपन की समस्या से परेशान पशुपालक चिकित्सकों के यहां चक्कर लगाने के साथ-साथ देहाती उपाय का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। बावजूद इस दिशा में कोई खास सुधार नहीं दिख रहा है। जहां सरकारी मशीनरी की अनदेखी से पशुधन पर संकट मंडरा रहा है वहीं दूध के लालच में जर्सी, फ्रीजियन व संकर नस्ल के गायों को पालने की उनकी विवशता है।
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बांझपन को ले बनती जा रही समस्या
2012 में सुपौल पशु अस्पताल के आंकड़े पर गौर करें तो 1212 पशुओं में गर्भाधान की समस्याएं बताई गई। 2013 में 1016, 2014 में 2317 गायों में जांचोपरांत गर्भाधान की समस्या की बातें सामने आई। इसी तरह 2015-16 में 742 तथा 16-17 के अक्टूबर माह तक में 835 पशुओं में गर्भाधान की समस्या सामने आई है।
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पशु चिकित्सक की राय
पशु चिकित्सक डॉ. दिलीप कुमार बताते हैं कि दुधारू पशुओं में खासकर संकर नस्ल के पशुओं में बांझपन की शिकायत अधिक मिल रही है जिनका प्रमुख कारण है कि कोसी के इलाके का तापमान अधिक रहना। आमतौर पर संकर नस्ल की गाय 20 से 25 डिग्री सेल्सियस पर ही सामान्य महसूस करती है और इस तापमान पर जनन तंत्र का भी समुचित विकास होता है। इसके अलावा समय-समय पर कीटनाशक का प्रयोग न करना, मिनरल मिक्चर पाउडर का प्रयोग न करना, कृत्रिम गर्भाधान का प्रयोग न होना, हारमोंस का बाधित होना तथा संक्रामक रोगों द्वारा एक गाय से दूसरे गायों में प्रवेश करना आदि बांझपन के प्रमुख कारण हैं।
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