नई दिल्ली: ब्रिसबेन टेस्ट को इतिहास और भारतीय क्रिकेट टीम के बीच 328 रनों का लक्ष्य दिया गया है। अगर टीम इंडिया इस लक्ष्य को भेद देती है, तो यह न केवल जीत सुनिश्चित करेगी बल्कि 1988 के बाद से ऑस्ट्रेलिया को घर में हराने वाली पहली टीम बन जाएगी। इतिहास को दोहराते हुए टेस्ट सीरीज भी 2-1 से कब्जा ली जाएगी। ब्रिस्बेन में अब तक का सबसे सफल चेज 236 रन रहा है और ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया के सामने 328 रनों का लक्ष्य रखा है। इस कहानी के दूसरे भाग को देखते हुए, ब्रिस्बेन में चौथी पारी में रन हैं। पाकिस्तान ने 2016 में यहां खेले गए टेस्ट में चौथी पारी में 450 रन बनाए थे।
इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 294 रनों पर समेट दिया था। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी को 300 रनों पर समेटने में भारत के दो गेंदबाजों मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर का अहम योगदान था। जब सिराज ने 5 विकेट लिए, तो शार्दुल ने 4 विकेट लिए। दूसरी पारी में वाशिंगटन का एकमात्र विकेट है। ब्रिस्बेन टेस्ट को अभी पूरा दिन खेलना बाकी है। विकेट अभी भी बल्लेबाजी के अनुकूल है। अगर एक-दो की भागीदारी हो और मौसम ने करवट न ली हो, तो भारत इतिहास रच सकता है। कप्तान रहाणे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन की ट्रॉफी पकड़ सकते हैं।