दिव्यांग बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने का करें प्रयास

संवाद सूत्र, प्रतापगंज(सुपौल): बिहार शिक्षा परियोजना सुपौल के बैनर तले समावेशी शिक्षा संभाग अंतर्गत दिव्यांगों को चिन्हित करने से संबंधित विषयों पर आधारित सामान्य शिक्षकों का एक दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का शुभारंभ सोमवार से प्रारंभ हुआ। जिसका उद्घाटन प्रखंड प्रमुख भूप नारायण यादव, आरडीओ राजाराम पासवान तथा बीईओ नंद किशोर सिंह ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। मौके पर प्रमुख ने कहा कि गांव-मुहल्ले में जो भी दिव्यांग बच्चे हों उसे विद्यालय की मुख्य धारा से जोड़ें। आरडीओ राजाराम पासवान ने कहा कि प्रशिक्षण का जो समय निर्धारित किया गया है सभी शिक्षक- शिक्षिकाएं ससमय आएं और समापन होने तक प्रशिक्षण शिविर में बने रहे। उन्होंने कहा कि आप सही जानकारी प्राप्त कर लेंगे तभी दिव्यांगों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दे पायेंगे। इस अवसर पर बीईओ ने बताया कि प्रखंड के कुल 80 विद्यालयों के एक-एक शिक्षक को प्रशिक्षण देना है। इसके लिए तीन बैच बनाया गया है। प्रत्येक दो बैच में 30-30 और तीसरे और अंतिम बैच में 20 शिक्षक को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रत्येक बैच को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षक के रूप में प्रवीण कुमार प्रिय और धर्मराज होंगे। शिविर की देख-रेख तथा व्यवस्थापक बीआरपी नयन रंजन को बनाया गया है। प्रथम दिन प्रशिक्षक प्रवीण कुमार प्रिय ने प्रशिक्षण की शुरुआत परिचय से की। उसके बाद प्रशिक्षण शुरू किया गया। जिसमें दिव्यांगों के प्रकार के बारे में बतलाया कि यह 21 प्रकार के होते हैं। जिसके बारे में उन्होंने बिदुवार प्रकाश डाला। प्रशिक्षक धर्मराज ने बतलाया कि 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा सरकार की ओर से दी जाती है। साथ ही सरकारी वित्त पोषित शैक्षिक संस्थानों और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों के दिव्यांग बच्चों को भी समावेशी शिक्षा प्रदान करनी होगी।


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