IND vs AUS: विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में रचा इतिहास, रिकी पोंटिंग, माइकल वॉन समेत इन पांच दिग्गज खिलाड़ियों क

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को ब्रिसबेन के गाबा टेस्ट मैच में 3 विकेट से हराकर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को लगातार  दूसरी बार अपने नाम कर लिया। पैटरनिटी लीव के चलते विराट कोहली के भारत लौटने पर और एडिलेड में मिली शर्मानाक हार के बाद तमाम क्रिकेट दिग्गजों का यही कहना था कि टीम इंडिया इस टेस्ट सीरीज में बुरी तरह से हारेगी। कोहली के जाने के बाद नए कप्तान अजिंक्य रहाणे के सामने कई चुनौतियां थीं। रहाणे को टीम को दोबारा से टीम को एकजुट करना था और यह भरोसा दिलाना था कि इस टीम में कोहली के बिना भी ऑस्ट्रेलिया को उसकी ही सरजर्मी पर हराने का दमखम है। रहाणे ने टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया को 2-1 से जीत दिलाकर कप्तान के तौर पर इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिख दिया। इसके साथ ही रहाणे की अगुवाई में भारतीय टीम ने रिकी पोटिंग, माइकल क्लार्क जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को भी मुंहतोड़ जवाब दिया, जिन्होंने पहले टेस्ट के बाद ही भारत के सीरीज हारने की भविष्यवाणी कर डाली थी। 

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने एडिलेड में मिली हार के बाद कहा था, 'कोहली के ना होने पर यह वाइटवॉश करने का बेहतरीन मौका है। टीम के पास लगभग कोई भी मौजूद नहीं है, जो इस तरह की हार के बाद टीम को दोबारा से उठा सके।' वहीं, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने पहले टेस्ट की हार के बाद कहा था, 'मैंने कहा था, भारत की टीम इस टेस्ट सीरीज में बुरी तरह से हारने वाली है। ऑस्ट्रेलिया 4-0।' वही, कंगारू टीम के पूर्व कप्तान मार्क वॉ ने भविष्यवाणी करते हुए यहा तक कह दिया था कि टीम इंडिया सीरीज में वापसी नहीं कर पाएगी और ऑस्ट्रेलिया 4-0 से इसको अपने नाम करेगी। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ब्रैड हैडिन ने कहा था कि टीम इंडिया के पास जीत का एकमात्र मौका सिर्फ एडिलेड में था और मुझे नहीं लगता कि टीम अब वापसी कर पाएगी। 
इन सभी दिग्गज खिलाड़ियों को जवाब देने की शुरुआत अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में टीम इंडिया ने मेलबर्न से ही कर दी थी। बॉक्सिंग-डे टेस्ट में मिली यादगार जीत के बाद समय ने भी भारत की परीक्षा ली और टीम के एक के बाद एक खिलाड़ी लगातार चोटिल होते चले गए। सिडनी टेस्ट में हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन की जोड़ी ने साढ़े तीन घंटे बैटिंग करके ऑस्ट्रेलिया के मुंह से मानो जीत छीन ली। ब्रिसबेन के गाबा में टीम इंडिया की अग्नि परीक्षा थी, क्योंकि साल 1988 के बाद से कंगारू टीम ने यहां हार का सामना नहीं किया था, लेकिन जसप्रीत बुमराह और अश्विन के बाहर होने के बाद भारतीय टीम को प्लेइंग इलेवन में चार बदलाव करने पड़े और एक युवा टीम के साथ मैदान पर उतरना पड़ा।

अन्य समाचार