पूर्णिया में ठगी के शिकार लोगों को ही एसडीओ ने बनाया आरोपित

पूर्णिया[राजीव कुमार]: यह किसी अजूबे से कम नहीं है कि जो लाभुक ठगी के शिकार हुए और न्याय के लिए चीख-चीख कर गुहार लगा रहा हैं, उसे ही आरोपित बना दिया जाए। यह कारनामा कहीं और नहीं बल्कि पूर्णिया के सदर अनुमंडल पदाधिकारी विनोद कुमार ने कर दिखाया है। गुलाबबाग बाजार समिति में बने दस दुकानों के फर्जी आवंटन मामले में जो लाभुक ठगी के शिकार हुए हैं उन्हें भी इस मामले का आरोपित बनाते हुए सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। ठगी के शिकार हुए लोगों पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराना खुद की सवाल खड़े कर रहा है। सवाल यह उठ रहा है कि सदर एसडीओ आखिर किसे बचाना चाह रहे हैं। बचाने के लिए लाभुकों को प्राथमिकी का अभियुक्त बनाकर वे खुद इस ठगी मामले के पूरे साक्ष्य को ही मिटाना चाह रहे हैं। लाभुकों ने एसडीओ कार्यालय के जिस कर्मी के पास रखे रजिस्टर में जाकर हस्ताक्षर करने की बात कही है। उसे क्यों बचाया जा रहा है क्यों नहीं प्राथमिकी में भी उस कर्मी का नाम जोड़ा गया। हालांकि इन सभी बातों का पर्दाफाश अब पुलिस जांच के बाद होगा कि इस मामले में एसडीओ कार्यालय एवं उसके कर्मियों की किस हद तक संलिप्तता रही है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है की ठगी के जो आरोपित जिनके खिलाफ लाभुकों ने दुकान आवंटन के नाम पर ठगी का आरोप लगाया है।

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आखिर वे किस आधार से एसडीओ कार्यालय का बराबर चक्कर लगाते थे तथा किनसे उनकी मिलीभगत थी। सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने जो प्राथमिकी दर्ज कराई है वह भी फिल्मी अंदाज में कराई है। प्राथमिकी की शुरूआत से लेकर अंत तक उन्होंने समाचार पत्र का हवाला देते हुए सब कुछ कहा है। जबकि इस मामले के सभी साक्ष्य जिसमें फर्जी एकरारनामा एवं फर्जी रसीद, ठगी के आरोपियों के ऑडियो वीडियो एवं वाट्सप चैट मैसेज चीख-चीख कर दुकान आवंटन के फर्जीवाड़े की कहानी कह रहे थे। इसके बाद भी सदर एसडीओ इस पूरे मामले से अंजान बने रहे और खुद के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कराने की बजाय समाचार पत्रों में छपी खबर का सहारा लिया। सदर एसडीओ उसी तरह इस पूरे मामले में भी अंजान बने रहे जैसे गुलाबबाग बाजार समिति में हुई हर धांधली के मामले में बने रहते हैं। एसपी दयाशंकर ने कहा कि सदर एसडीओ विनोद कुमार के लिखित शिकायत पर सदर थाने में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस गंभीरता से जांच करेगी और किसी भी निर्दोष को बेवजह इस मामले में परेशान नहीं किया जाएगा। ठगी के शिकार इन लाभुकों पर दर्ज कराया गया केस
सदर एसडीओ ने फर्जी दुकान आवंटन के लाभुकों मंटू जायसवाल, विकास कुमार भगत, नीतीश कुमार विश्वास, राजीव कुमार, पवन कुमार, विजय कुमार झा, निधि कुमारी, राहुल कुमार, अमित कुमार, निखिल कुमार अग्रवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। इनमें से सभी लाभुकों ने सदर एसडीओ के निर्देश पर तैनात दंडाधिकारी के समक्ष यह लिखित रूप से बयान दिया की उनके साथ दुकान आवंटन के नाम पर ठगी हुई है। निखिल कुमार अग्रवाल ने कहा कैसे फर्जी आवंटन की सूची में उनका नाम दर्ज है इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है। ना तो उन्होंने किसी से इस मामले को लेकर संपर्क किया है। उन्होंने यह भी बताया की उन्हें बदनाम करने की नीयत से उस सूची में उनका नाम जोड़ा गया है। मगर सदर एसडीओ विनोद कुमार ने उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करा दी। जिसने कहा हम ठगी के शिकार हुए वे भी आरोपित बने जिसने कहा नहीं जानते इस मामले को वे भी आरोपित बनाए गए। अपना फर्जी हस्ताक्षर व मुहर भूल गए एसडीओ साहब
इस मामले में सदर अनुमंडल पदाधिकारी प्राथमिकी दर्ज कराने में इस बात को भूल गए की फर्जीवाड़ा के इस खेल में उनका फर्जी हस्ताक्षर एवं उनके कार्यालय की फर्जी मुहर भी लगाई गयी है। यहां तक की लाभुकों को एसडीओ कार्यालय का हवाला देकर ठगी की गयी है। लेकिन एसडीओ साहब को ना ये सब साक्ष्य दिखे ना ठगी के शिकार लाभुकों का दर्द दिखा बस दिखा तो जो भी सभी के खिलाफ मामला दर्ज कराना। गुलाबबाग बाजार समिति की सूबे में सबसे खराब हालत : सरवण
राज्य के कृषि विभाग के सचिव एन सरवण कुमार ने कहा कि सूबे में सबसे खराब हालत पूर्णिया के गुलाबबाग बाजार समिति की है। यहां से आए दिन धांधली एवं गड़बड़ी की खबरें आ रही है। इस मामले में विभाग जल्द ही एक टीम का गठन कर कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी मनमानी की छूट नहीं दी जाएगी। डीएम ने इस पर्दाफाश के लिए जागरण को दिया धन्यवाद
गुलाबबाग बाजार समिति में दुकान आवंटन मामले का खुलासा करने के लिए जिलाधिकारी राहुल कुमार ने दैनिक जागरण के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि जागरण की पहल से ठगी के इस मामले का खुलासा हो पाया। जिलाधिकारी ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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