सूचना उपलब्ध नहीं कराने के मामले में तत्कालीन एसडीओ से स्पष्टीकरण

जागरण संवाददाता, सुपौल: सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचना का जवाब सही समय पर नहीं देने के एक मामले में राज्य मुख्य सूचना आयुक्त तथा सरकार के अवर सचिव ने तत्कालीन सदर अनुमंडल पदाधिकारी नदीमुल गफ्फार सिद्दीकी को सीधे तौर पर जिम्मेदार मानते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगने को कहा है। स्पष्टीकरण का जवाब यदि उनके द्वारा सुनवाई की अगली तिथि तक नहीं दी जाती है तो ऐसी स्थिति में उनके ऊपर अर्थदंड आरोपित करने की भी चेतावनी दी गई है। दरअसल मामला अतिक्रमण को हटाने से लेकर संबंधित है। जिसमें सदर प्रखंड के बभनी निवासी निकेश कुमार झा ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत लोक सूचना पदाधिकारी सदर एसडीओ से 21 फरवरी 2018 को कुछ जानकारी मांगी थी। मांगी गई सूचना के तहत उसने जानना चाहा था कि जो टीम अतिक्रमण हटाने गई थी उसने बिना अतिक्रमण हटाए विभाग को गुमराह किया। ऐसे में टीम में शामिल अधिकारियों के विरुद्ध क्या-क्या कार्रवाई की गई। परंतु तय समय सीमा के बाद भी निकेश कुमार झा को जब यह सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई तो उसने अपर समाहर्ता के पास अपील की। अपील उपरांत उन्हें जो सूचना उपलब्ध कराई गई उस पर उन्होंने आपत्ति जताई और राज्य सूचना आयोग में 10 अगस्त 2018 को द्वितीय अपील दायर की। सुनवाई के दौरान समय से सूचना उपलब्ध नहीं कराने तथा बाद में गलत सूचना उपलब्ध कराने के लिए तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी नदीमुल गफ्फार सिद्दीकी को दोषी ठहराया है। जिसके उपरांत राज्य मुख्य सूचना आयुक्त तथा सरकार के अवर सचिव ने कहा है कि प्रतिवादी लोक सूचना पदाधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी के कारण पूछा जाए कि क्यों नहीं उनके विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा के अंतर्गत 25000 का अर्थदंड आरोपित किया जाए। यदि सुनवाई की अगली तिथि तक सूचना प्रदान करते हुए मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब समर्पित नहीं किया जाता है तो फिर उनके विरुद्ध 25000 अर्थदंड भी आरोपित किया जाए। अगली सुनवाई 04 फरवरी को निर्धारित की गई है।

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