पाकिस्तान पर भी ऑस्ट्रेलिया में जीतने का भूत सवार, मोहम्मद हफीज ने की भारत जैसी टीम बनाने की मांग

घर में जश्न मने और पड़ोसियों को पता न चले भला ऐसा कैसे हो सकता है. और, फिर हमारी टीम इंडिया (Team India) के कमाल से तो पाकिस्तान (Pakistan) जैसे पड़ोसी ही नहीं बल्कि पूरा वर्ल्ड क्रिकेट अच्छे से वाकिफ है. क्रिकेट की दुनिया को इस बात का अच्छे से इल्म है, जो ऑस्ट्रेलिया में रहाणे के रणबांकुरों ने किया है. आसान नहीं था ब्रिस्बेन यानी ऑस्ट्रेलिया का गढ़ जीतना. आसान नहीं था शर्मनाक आगाज को यादगार अंजाम की शक्ल देना. इंजरी से जूझना, दर्द की परवाह न करना और तो और बगैर अनुभवी खिलाड़ियों के अपनी ताकत का लोहा मनवाना. लेकिन, टीम इंडिया ने ये सब किया.

भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में जो किया उसका पूरा वर्ल्ड क्रिकेट बखान कर रहा है. ऑस्ट्रेलिया में किए भारत के धमाके की गूंज पाकिस्तान के कानों में भी पड़ी है. तारीफों के पूल वहां से निकले हैं. वसीम अकरम हों, शाहिद अफरीदी या फिर शोएब अख्तर सबने अपने अपने लब्जों और अल्फाजों में टीम इंडिया की तारीफ की है. खैर, ये सब तो पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर्स हैं. मौजूदा पाक टीम के खिलाड़ी भी ऑस्ट्रेलिया में भारत की टेस्ट सीरीज जीत से गदगद दिखे हैं. वो कहते हैं न कि खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है या फिर बदलना चाहता है. भारत को जीतते देख अब पाकिस्तान भी ऑस्ट्रेलिया फतह की प्रक्रिया पर अमल करना चाहता है. पाक की मौजूदा टीम के सबसे अनुभवी सदस्य मोहम्मद हफीज़ ने ऑस्ट्रेलिया में भारत की जीत की सराहना की है. उन्होंने कहा कि एक क्रिकेट फैन की हैसियत से ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया की सफलता से मैं गदगद हूं. हालांकि, भारत के ऑस्ट्रेलिया फतह का गुणगान करने वाले पाक ऑलराउंडर ने कहा कि पाकिस्तान भी ऐसा कर सकता है बशर्ते वो अपने टैलेंट को प्रोडक्ट में बदलने की प्रक्रिया पर काम करे.
मोहम्मद हफीज़ मांगें भारत जैसी टीम
मोहम्मद हफीज ने कहा, ” भारत ने ऑस्ट्रेलिया को क्रिकेट के हर डिपार्टमेंट में मात दिया. ऐसा उसने तब किया जब कई मेन प्लेयर टीम के साथ नहीं थे. टीम इंडिया को अपने मेन खिलाड़ियों के बगैर भी ऑस्ट्रेलिया में सफलता इसी वजह से मिली क्योंकि वहां उसके टैलेंट नहीं बल्कि प्रोडक्ट खेले. पाकिस्तान क्रिकेट वही नही कर पाता. पाकिस्तान में टैलेंट को प्रोडक्ट में नहीं बदला जाता. यही वजह है कि हम ऑस्ट्रेलियाई कंडीशन में भारत जैसा दमखम नहीं दिखा पाते और प्रदर्शन नहीं कर पाते.” हफीज के मुताबिक इंटरनेशनल लेवल पर अगर अपने टैलेंट की जगह प्रोडक्ट को उतारने पर पाकिस्तान जोर दे तो उसे भी भारत जैसी सफलता मिल सकती है.
Hafeez talks about the importance of processing talent and how India won the series against Australia. pic.twitter.com/7H7VkM8iwG
- Mazher Arshad (@MazherArshad) January 20, 2021
function catchException() {try{ twitterJSDidLoad(); }catch(e){}} 36 के आंकड़े से सीरीज जीत तक का सफर
ऑस्ट्रेलिया में भारत के टेस्ट सीरीज की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी. एडिलेड में खेले पहले टेस्ट में पूरी टीम सिर्फ 36 रन के अपने सबसे लोएस्ट टोटल पर सिमट गई. लेकिन, इसके बाद टीम इंडिया ने बड़ी बड़ी अड़चनों के बावजूद पीछे मुड़कर नहीं देखा. एडिलेड के बाद विराट चले गए. हर मैच के दौरान कोई न कोई सीनियर खिलाड़ी चोटिल होकर सीरीज से बाहर होता गया. मेलबर्न में जीत, सिडनी में दमदार ड्रॉ के बाद जब गाड़ी ब्रिस्बेन पहुंची तो नौबत ये थी कि खेमें में बस उतने ही खिलाड़ी बचे थे कि प्लेइंग XI बन जाए. टीम के पास बस बेंच स्ट्रेंथ ही बचा था, जिसमें युवा खिलाड़ी भरे थे. लेकिन, उन्हीं युवा जोश के दम पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया का गढ़ कहे जाने वाले ब्रिस्बेन को जीतकर इतिहास रच दिया.
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