छापेमारी के कुछ घंटे पूर्व ही निकली थी हथियार की खेप

लखीसराय। सूर्यगढ़ा पुलिस द्वारा रहाटपुर बहियार में एक ही व्यक्ति द्वारा संचालित छह मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किए जाने के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है। स्थानीय लोगों की मानें तो राजा सिंह अपने भाई के सहयोग से रहाटपुर बहियार में बासा (बथान) बनाकर कई माह से रात के अंधेरे में आग्नेयास्त्र का निर्माण करवा रहा था। सूर्यगढ़ा पुलिस की छापामारी के कुछ घंटे पूर्व ही राजा सिंह का भाई हथियार की खेप लेकर निकला था। कुछ वर्षों से राजा सिंह मुंगेर जिला के जमालपुर के समीप स्थित एक गांव में अपने संबंधी के यहां रहकर अपराधियों के संपर्क में आकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते थे। इसी दौरान उसकी जान-पहचान आग्नेयास्त्र तस्करों से हुई। आग्नेयास्त्र तस्करों के साथ वह आग्नेयास्त्र कारीगर का गढ़ समझे जाने वाले मुंगेर जिला अंतर्गत मुफसिल थाना क्षेत्र के बरदह गांव आने-जाने लगा। इसी दौरान उसका आग्नेयास्त्र बनाने में निपुण कारीगर औरंगजेब से संपर्क हुआ। राजा ने औरंगजेब को रहाटपुर बहियार में मिनी गन फैक्ट्री चलाने का ऑफर दिया। औरंगजेब रहाटपुर बहियार की भौगोलिक स्थिति देखकर गदगद हो गया। इसके बाद वह अन्य कारीगरों के साथ राजा सिंह के बथान में पहुंच गया। वहां रात होते ही सभी कारीगर पिस्टल एवं अन्य आग्नेयास्त्र का अलग-अलग पुर्जा बनाने में जुट जाता था। सूत्रों की मानें तो राजा सिंह के मिनी गन फैक्ट्री में आर्डर पर आग्नेयास्त्र तैयार होता था। वहां सबसे अधिक पिस्टल एवं देसी कट्टा का निर्माण होता था। सबसे अधिक मांग पिस्टल की थी। पिस्टल पर पंच कर मेड इन इंग्लैंड, मेड इन जापान आदि बनाकर अधिक कीमत वसूल की जाती थी। वहां निर्मित आग्नेयास्त्र पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि जगहों पर भेजी जाती थी। वर्तमान समय में आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर पश्चिम बंगाल भेजने के लिए अधिकांश पिस्टल तैयार की जा रही थी। एसपी सुशील कुमार ने कहा कि विभिन्न पहलुओं की जांच पुलिस कर रही है।


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