यहां परवान पर है शराब तस्करी का धंधा

जमुई। सूबे में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद तस्करों के लिए कमाई का जरिया बन गई है। ऐसा नहीं कि पुलिस और उत्पाद विभाग कार्रवाई नहीं कर रही है। लगातार कार्रवाई हो रही है बावजूद शराब की तस्करी नहीं थम रही है। बावजूद शराब की खेप पहुंच रही है। शराब तस्करी के लिए सीमावर्ती इलाका तथा जंगली इलाके का रास्ता मुफीद माना जाता है।

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तस्करी के धंधे में शामिल हैं युवा वर्ग
कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाले धंधे से युवा वर्ग लगातार जुड़ रहे हैं। लालच में युवा इसमें अपना भविष्य खोज रहे हैं। इसमें न तो मोटी पगड़ी देकर दुकान की आवश्यकता है न ही कहीं भंडारण करने की। लाओ-बेचो और कमाओ।

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झारखंड और बंगाल से आ रही शराब
आम तौर पर शराबंदी के बाद झारखंड व बंगाल से शराब की खेप यहां पहुंच रही है। झारखंड सीमा क्षेत्र से जुड़े होने के कारण बटिया में जांच चौकी बनाया गया है। यहां उत्पाद पुलिस वाहन जांच अभियान चलाती है। कई दफा बड़ी मात्रा में शराब की खेप पकड़ी जा चुकी है।
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तस्करों में नहीं है कार्रवाई का भय
शराब तस्करों के मन में कार्रवाई का भय नहीं है। परिणाम है कि पकड़े जाने के बाद भी जमानत मिलने पर पुन: इस धंधे में शामिल हो जा रहे हैं। ऐसे में धंधे पर अंकुश लगने के बजाय यह बढ़ रही है। हां, फिलहाल यह गरीबों से दूर जरूर हुई, लेकिन संपन्न लोगों के घरों तक बगैर किसी मेहनत के पहुंच जा रही है।
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कोट
शराब तस्करी के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। शराब की खेप पकड़ी जा रही है। तस्करों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
संजीव कुमार ठाकुर, उत्पाद अधीक्षक, जमुई
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