13 हजार के घुटिया जलाशय की 7.90 लाख में हुई नीलामी

जमुई। नीली क्रांति के लिए जमुई से अच्छी खबर है। यहां कौड़ी के भाव नीलाम होने वाली जलाशयों की भी अब लाखों की बोली लगने लगी है। यह इस बात का द्योतक है कि यहां भी अब लोगों की दिलचस्पी मत्स्य पालन को लेकर जागृत होने लगी है।

या फिर यूं कहें कि मत्स्य पालन में बेहतर मुनाफा की संभावना जमुई के लोग भी तलाशने लगे हैं। हालांकि उच्चतम बोली लगाकर जलाशय हासिल करने वालों में ज्यादा संख्या अन्य जिले के डाक वक्ताओं की है, लेकिन स्थानीय लोगों की नीलामी में भागीदारी के कारण ही बोली उच्चतम स्तर तक पहुंच रही है। बुधवार को चकाई के दो जलाशयों की नीलामी में पूर्व की नीलामी से कई गुना अधिक बोली लगी है। चकाई के घुटिया आहर की बंदोबस्ती बुधवार को 7.90 लाख में विभु कुमार के नाम की गई। यह राशि पूर्व के बंदोबस्त राशि 10,000 से 79 गुना तथा न्यूनतम डाक राशि 13000 से 60 गुना अधिक है। उक्त जलाशय के लिए न्यूनतम डाक राशि लघु सिचाई प्रमंडल द्वारा 13,000 निर्धारित किया गया था। इसी प्रकार चकाई के ही आगरा जलाशय की नीलामी सात लाख में हुई। उक्त जलाशय के लिए भी न्यूनतम डाक की राशि 39,000 निर्धारित की गई थी तथा पूर्व में इस जलाशय की नीलामी 32,000 में हुई थी। इस प्रकार आगरा जलाशय की भी तकरीबन 22 गुना अधिक बोली लगी। इस जलाशय के लिए आखिरी बोली लखीसराय निवासी जन्मोजय ने लगाई और मंगलवार को अजय डैम की बोली में पिछड़ने वाले जन्मोजय मत्स्य पालन के लिए एक बड़ा जलाशय हासिल करने में कामयाब हुआ। नीलामी प्रक्रिया में कार्यपालक अभियंता ईं. शिव कुमार प्रसाद तथा सहायक अभियंता प्रवेश कुमार सहित अन्य कर्मी मौजूद थे। सोनो के दो आहर के लिए नीलामी में किसी भी व्यक्ति के भाग नहीं लेने के कारण बंदोबस्ती नहीं हो पाई। यहां बता दें कि बाघमारा बियर तथा बलम्वा आहर की बंदोबस्ती के लिए आज की तिथि निर्धारित की गई थी। उक्त दोनों आहर के लिए न्यूनतम डाक राशि क्रमश: 10,000 और 9,000 विभाग ने निर्धारित किया था।

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