बॉर्डर पर तस्करी- जासूसी के लिए ड्रोन इस्तेमाल कर रहा है पाकिस्तान, BSF चीफ राकेश अस्थाना ने बताया

बेंगलुरु में एयरो इंडिया-2021 का आगाज बुधवार को हुआ. एयरो-इंडिया एशिया का सबसे बड़ा एरो शो है और इसे हर दो साल में इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) की तरफ से आयोजित किया जाता है. एयरो इंडिया 2021 में एफआईसीसीआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने कहा कि पाकिस्तान सीमा पर निगरानी करने के साथ-साथ हथियारों, विस्फोटकों व नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए बहुत प्रभावी ढंग से ड्रोन का उपयोग कर रहा है.

अस्थाना ने एयरो इंडिया 2021 प्रदर्शनी में औद्योगिक संस्था एफआईसीसीआई द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में कहा कि पश्चिमी मोर्चे (पाकिस्तानी सीमा) पर साल 2019 में 167 बार ड्रोन देखे गए थे, जबकि 2020 में इस मोर्चे पर 77 बार ड्रोन देखे गए. उन्होंने कहा कि ड्रोन के जरिए हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और नशीले पदार्थ गिराने की घटनाएं हुई हैं, खासकर पंजाब और जम्मू सेक्टर में.
ऐसे ड्रोन की तलाश में है पाक
अस्थाना ने कहा कि खुफिया सूचनाओं के अनुसार पाकिस्तानी सेना मिनी यानी छोटे यूएवी ड्रोन खोज रही है जो हवा में 150 किलोमीटर की दूरी की क्षमता के साथ बॉर्डरों पर कई घंटों तक रह सकते हैं. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) प्रमुख ने यह भी कहा कि पाकिस्तान -चीन, रूस, सऊदी अरब, जर्मनी और इटली के ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. इसी के साथ ही पाकिस्तान अपनी काउंटर ड्रोन क्षमता को बढ़ाने की मांग भी कर रहा है.
एरो इंडिया शुरू हुआ और इसकी ओपनिंग के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एचएएल को 83 लाइट कॉम्‍बेट एयरक्राफ्ट तेजस के लिए एचएएल को 48,000 करोड़ का कॉन्‍ट्रैक्ट आधिकारिक तौर पर सौंप दिया. मंगलवार को बेंगलुरु में एचएएल के दूसरे प्‍लांट का उद्घाटन रक्षा मंत्री ने किया था. इसका मकसद फाइटर जेट उत्‍पादन क्षमता को साल में 8 से बढ़ाकर 16 करना है. विशेषज्ञों की मानें तो तेजस का कॉन्‍ट्रैक्‍ट एचएएल की तस्‍वीर बदलने में मददगार साबित होने वाला है.
83 तेजस को मंजूरी
13 जनवरी को कैबिनेट की रक्षा समिति की तरफ से भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के लिए 83 तेजस जेट की मंजूरी दी गई थी. इस कमेटी के मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और इस जेट की खरीद को मंजूरी आईएएफ की युद्धक क्षमताओं में इजाफे के लिए जरूरी करार दी जा रही है. एचएएल, आईएएफ के लिए Mk-1A मार्क जेट तैयार करेगी. अगले तीन साल के अंदर वायुसेना को पहला Mk-1A वैरियंट एयरक्राफ्ट मिलेगा. साल 2030 तक आईएएफ को बाकी जेट मिल जाएंगे. डील के तहत आईएएफ को 73 Mk-1A फाइटर जेट्स और 10 Mk-1A ट्रेनर एयरक्राफ्ट मिलेंगे.

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