पटना की 17 पंचायतें अब अतीत हो जाएंगी, इन पंचायतों में नहीं होगा चुनाव

नगर आवास एवं विकास विभाग यदि पटना की 17 पंचायतों को शहरी क्षेत्र में शामिल करने से संबंधित अधिसूचना जारी कर देता है तो इस वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव में ये पंचायतें अतीत का हिस्सा बन जाएंगी। यानी इन पंचायतों में इस बार चुनाव नहीं होंगे। पटना में 305 पंचायतें ही रह जाएंगी, जिसमें मुखिया सरपंच और वार्ड सदस्य के लिए वोट डाले जाएंगे। 

हालांकि, पंचायती राज विभाग ने नगर निगम और नगरपालिका क्षेत्र के लिए चयनित होने वाली पंचायतों की जनसंख्या पर एक बार फिर से डाटा तैयार करना शुरू कर दिया है। इसमें अब 2011 की बजाय 1991 की जनगणना के आधार पर पंचायतों का स्वरूप तय किया जाएगा। पटना के जिन 17 पंचायतों को शहरी क्षेत्र में शामिल किया गया है, इन पंचायतों की जनसंख्या चार हजार से कम थी लेकिन राज्य सरकार ने हाल ही में अब ऐसी पंचायतों को शहरी क्षेत्र में शामिल करने का निर्णय लिया है, जिनकी 1991 में जनसंख्या तीन हजार से कम थी। इसीलिए इस आधार पर नए सिरे से पंचायतों की जनसंख्या के आधार पर प्रारूप तैयार किया जा रहा है। 
अगले पंचायत चुनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। पटना की 10 ऐसी पंचायतें हैं, जिनका पुनर्गठन होना है। इन पंचायतों के कई गांव शहरी क्षेत्र के लिए चयन के समय शेष रह गए। इनकी जनसंख्या यदि 1991 में तीन हजार तक होगी तो उसे नया पंचायत बना दिया जाएगा। कम होने पर निकट की पंचायत में इन गांवों का विलय कर दिया जाएगा।   
इन पंचायतों में नहीं होगा चुनाव चयनित पंचायतों पर राज्य सरकार का शहरी क्षेत्र में शामिल करने से संबंधित अंतिम मुहर लग जाती है तो पटना की इन पंचायतों में इस बार चुनाव नहीं होंगे। जिन पंचायतों में चुनाव नहीं होगा वे इस प्रकार हैं। 
प्रखंड    पंचायत संपतचक       कनौजी कछुआरा संपतचक      बैरिया कर्णपुरा संपतचक        सोना गोपालपुर संपतचक      भेलवारा दरियापुर दानापुर       लखनीबिगहा दानापुर           कोथवां दानापुर       जमसौत दानापुर          जमालुद्दीनचक फुलवारीशरीफ      भुसौला दानापुर फुलवारीशरीफ     नोहसा फुलवारीशरीफ     कुरथौल  बिहटा       बिहटा बिहटा        राघोपुर बिहटा         श्रीरामपुर बिहटा          अमहरा पुनपुन     पुनपुन       पालीगंज       निखरपुरपाली  
200 ग्राम पंचायतों का होगा पुनर्गठन  राज्य के करीब 200 ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया जाएगा। इसका आदेश पंचायती राज विभाग ने जारी कर दिया है। गौरतलब हो कि करीब 200 ऐसी पंचायतें हैं, जिनका आंशिक क्षेत्र नगर निकाय में शामिल हुआ है। वहीं 300 ऐसी पंचायतें हैं, जो पूरी तरह से नगर निकाय का हिस्सा हो गई हैं। ऐसे में जिन 200 पंचायतों का आंशिक हिस्सा नगर निकाय में गया है, उनका पुनर्गठन किया जाएगा। जिलों को निर्देश है कि इसकी कार्रवाई शुरू कर दें। वर्ष 1991 की जनगणना के अनुसार 3000 की आबादी जिन पंचायतों में रह गई है, उसे यथावत रखा जाएगा। वहीं 3000 से कम आबादी रह गई है तो उस क्षेत्र को निकट की पंचायतों में शामिल कर दिया जाएगा। इन 200 ग्राम पंचायतों में कितने का अस्तित्व खत्म हो जाएगा, यह जिलों द्वारा की जा रही कार्रवाई पूरी होने के बाद ही सामने आएगा।

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