नालंदा में दिन-दहाड़े बेटे को बंधक बनाकर व्‍यवसायी के घर से 10.50 लाख की लूट

बिहारशरीफ, जागरण संवाददाता । दिन के उजाले में नालंदा पुलिस के तमाम दावों को धता बताते हुए बदमाशों ने सोहसराय थाना क्षेत्र के संगतपर मोहल्ला स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक गुड्स के व्यवसायी के घर से पिस्टल की नोंक पर साढ़े 10 लाख रुपए लूट की घटना को अंजाम दिया है। घटना गुरुवार की सुबह पौने 11 बजे की है। लूट की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मौके पर डीएसपी सदर शिबली नोमानी व थानाध्यक्ष श्याम किशोर सिंह पहुंच गए।

बेटे को मां ने कई आवाज दी
पीड़ित व्यवसायी सुजीत कुमार ने बताया कि घटना के वक़्त उनका बेटा सुभम व पत्नी सुनैना देवी घर पर मौजूद थी। बेटा पहले तल्ला पर पढ़ाई कर रहा था। जबकि पत्नी दूसरे तल्ले पर खाना बना रही थी। करीब 4 की संख्या में बदमाश घर में दाखिल हुए और बेटे को पिस्टल की नोंक पर बंधक बना किया। इतना ही नहीं बदमाशों ने उनके पुत्र का हाथ-पैर बांध दिया और शोर मचाने पर गोली मारने की धमकी दी। इस दौरान पत्नी ने कई बार बेटे को आवाज भी दी। किशोर का हाथ पैर बांधकर बदमाशों ने स्टोरवेल से 10 लाख के जेवर और 50 हजार नकदी लूट लिए। घटना को अंजाम दे बदमाश पैदल भाग निकले। डीएसपी ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। आसपास लगे सीसीटीवी को भी खंगाला जा रहा है।
काम करने वाली महिला के आने के बाद लूट का चला पता
घटना के थोड़ी देर बाद घर में काम करने वाली महिला आई तो लूट का पता चला। उसने देखा कि व्यवसायी का पुत्र एक कमरे में पड़ा है और उसके हाथ पैर बंधे है। शोर मचाने के बाद सुनैना देवी नीचे आई और पति को फ़ोन पर सूचना दी। वही शुभम ने बताया कि बदमाशों के हाथ में पिस्टल था। उसने गोदरेज खोला और कैश व नकदी एक बैग में रखकर फरार हो गया। पत्नी ने मोबाइल भी ले जाने की बात कही है।
बदमाशों को व्यवसायी के हर मूवमेंट की थी जानकारी
जिस तरह घटना को अंजाम दिया गया उससे यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि बदमाशों ने घटना से पहले पूरी रेकी कर रखी थी। उसे व्यवसायी के हर मूवमेंट की जानकारी थी। कुछ लोगों ने इसमें जानने वालों की संलिप्तता से भी इंकार नहीं किया है।
पुलिस की सक्रियता पर उठे सवाल
घटना की सूचना मिलते ही आसपास के कई लोग इकट्ठा हो गए। स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस गश्त के नाम पर इलाके में कुछ नहीं होता। दिन में जब लोग सुरक्षित नहीं है तो रात में सुरक्षा की बात करनी बेमानी है। बदमाशों की हिम्मत देखिए कि कितनी आसानी से बेखौफ पैदल ही चलते बने।

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