बिहार के 14 जिलों में कैंसर मरीजों की शिविर लगाकर होगी पहचान

बिहार के 14 जिलों में कैंसर के मरीजों की शिविर लगाकर पहचान की जाएगी। इसके लिए समुदायस्तर पर पूर्व सूचना के माध्यम से शिविरों का आयोजन होगा। वहां कैंसर से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों वाले मरीजों की पहचान कर उनकी जांच की जाएगी। इससे कैंसर को प्रारंभिक अवस्था में ही पताकर उनका इलाज किया जा सकेगा।

विश्व कैंसर दिवस के मौके पर गुरुवार को बिहार में कैंसर मरीजों की पहचान को लेकर बड़ा कदम उठाया गया। सामुदायिक स्तर पर पहचान एवं प्रारंभिक स्तर पर जांच कार्यक्रम ‘रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन (आरईसी) फाउंडेशन’ के कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटिज (सीएसआर) के तहत शुरू हुआ। इसके लिए फाउंडेशन ने 4.30 करोड़ उपलब्ध कराए हैं, जबकि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने 60 लाख रुपये एम्बुलेंस व उपकरणों की खरीद के लिए दिए हैं। जिन जिलों में कैंसर मरीजों की पहचान की जाएगी, उनमें उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीवान, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल और बेगूसराय तथा दक्षिण बिहार के पटना, नालंदा, भोजपुर, गया, औरंगाबाद और भागलपुर शामिल हैं।
कैंसर के लक्षणों की पूर्व पहचान से 25 फीसदी मौत कम होगी : आरके सिंह गुरुवार को राज्य स्वास्थ्य समिति स्थित सभागार में आयोजित योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में चार जिलों- नालंदा, भोजपुर, सीवान एवं मुजफ्फरपुर में कैंसर मरीजों की पहचान व जांच कार्यक्रम को शुरू किया गया। इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नई दिल्ली से जुड़े केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह ने कहा कि कैंसर के लक्षणों की पूर्व पहचान होने से कैंसर मरीजों की मौत की दर में 25 फीसदी कमी आएगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सभी 14 जिलों के जांच केंद्रों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल, मुंबई के होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर से जोड़ा जाएगा। कहा कि वर्तमान में मुजफ्फरपुर के छह प्रखंडों में कैंसर मरीजों के निबंधन (पोपुलेशन बेस्ड कैंसर पेसेंट रजिस्ट्री) का कार्य अनुसंधान केंद्र द्वारा किया जा रहा है। पटना में आईजीआईएमएस कैंसर मरीजों का निबंधन होगा।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि चार जिलों के अतिरिक्त शेष जिलों में 15 दिनों में कैंसर मरीजों की पहचान कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। मौके पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव डॉ. कौशल किशोर, टाटा मेमोरियल सेंटर के सहायक प्राध्यापक डॉ. रविकांत सिंह व प्रोग्राम मैनेजर डॉ. सरिता कालिता सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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