शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच हुई या नहीं प्रधान देंगे प्रमाणपत्र

सुपौल। फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी कर रहे शिक्षकों की अब खैर नहीं है। ऐसे शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच को ले विभाग पहले से ही कई तरह की व्यवस्था कर रखी है। अब विभाग ने वेतन पाने वाले शिक्षकों के सभी प्रमाण पत्रों की जांच हो चुकी है इस बात की गारंटी की मांग सभी प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापकों से की है। प्रधानाध्यापकों को इस बात की गारंटी लेनी होगी कि उनके विद्यालय में जिन शिक्षकों को वेतन आदि का भुगतान किया जा रहा है उनके प्रमाण पत्रों की जांच कर ली गई है। इसको लेकर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक व सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को इसका सख्ती से अनुपालन करने को कहा है।


प्रधान सचिव के आदेश के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने सभी प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक को आदेश से अवगत कराते हुए हर हाल में 31 मार्च तक इससे संबंधित प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने लोकायुक्त द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए जिन शिक्षकों का वेतन भुगतान किया जा रहा है उनके प्रमाणपत्रों की जांच हो चुकी है इसका प्रमाण पत्र देने को कहा है। बताते चलें कि फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों पर नकेल कसने के लिए विभाग ने इससे पहले कई तरह की व्यवस्था कर रखी है। पहले निगरानी जांच कराई गई लेकिन जिले में कई ऐसे नियोजन समिति हैं जिन्होंने अब तक शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की फोल्डर जमा नहीं की है। ऐसे शिक्षकों को एक वेबसाइट पर अपने प्रमाण पत्रों को अपलोड करने को कहा था ताकि ससमय इसकी जांच कराई जा सके। अब विभाग ने सभी प्रधानाध्यापकों को इस बात का प्रमाण मांगा है कि उनके विद्यालय में जिन कर्मियों को वेतन दिया जा रहा है उनके प्रमाण पत्रों की जांच हुई है या नहीं हुई।
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