बजट पूर्व बैठक में बोले डिप्टी सीएम, कृषि-पशुपालन से जुड़े लोगों के कल्याण को सरकार गंभीर

उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र से जुड़े सभी हित धारकों के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रयत्नशील है। सरकार प्रत्येक क्षेत्र में लोगों की आजीविका के साधन को मजबूत करने की दिशा में तत्परता से काम कर रही है। उन्होंने यह बातें गुरुवार को पुराना सचिवालय सभागार में गन्ना उद्योग, कॉम्फेड, जीविका, कृषि एवं पशुपालन प्रक्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बजट पूर्व बैठक में कही।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि एवं पशुपालन प्रक्षेत्र के तहत मक्का उत्पादक, केला उत्पादक, गन्ना उत्पादक, चाय उत्पादक, जूट उत्पादक, जीविका के प्रतिनिधियों द्वारा सब्जी के उत्पादन इत्यादि अन्य क्षेत्रों तथा फूल उद्योग एवं बागवानी, जैविक खेती, कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन, बकरी पालन, गोशाला डेयरी के अंतर्गत महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं। इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए बजटीय प्रावधान में समुचित निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार कृषि एवं उससे जुड़े विभागों की योजनाओं से पात्रों को लाभान्वित करने की दिशा में गंभीर एवं सार्थक प्रयास कर रही है, ताकि किसान, पशुपालकों, मत्स्यपालकों को आजीविका के बेहतर साधन मुहैया कराने के साथ-साथ उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाया जा सके। पदाधिकारियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने विस्तार से संबंधित क्षेत्रों में आवश्यक सुधारों की ओर ध्यान आकृष्ट किया।
बजट पूर्व बैठक में मक्का किसानों द्वारा मक्का का उचित मूल्य प्राप्त होने, धान की खेती करने वाले किसानों ने धान की सरकारी खरीद नवंबर से ही शुरू करने, जैविक खेती से जुड़े किसानों को उनके उत्पादन का बेहतर मूल्य प्रदान करने के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही। वहीं गन्ना के मूल्य में वृद्धि के साथ-साथ चीनी मिलों का क्षमतावर्धन, फूल की खेती से जुड़े किसानों के अनुदान राशि को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने, मशरूम उत्पादकों के लिए बाजार की व्यवस्था, मछली उत्पादकों के कल्याण के लिए अनुमंडल स्तर पर मछली बाजार की व्यवस्था, दुग्ध उत्पादकों द्वारा दूध की कीमतों में वृद्धि के साथ-साथ बकरी पालकों, अंडा उत्पादकों के हितों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय स्तर पर समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराने जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए। बैठक में कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह और पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने भी विचार रखे।

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